भुवनेश्वर. सुंदरगढ़ में दूसरा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने की योजना ने ओडिशा विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान राजनीतिक रंग ले लिया. सत्तारूढ़ बीजद ने राज्य में प्रस्तावित चिकित्सा संस्थान के प्रति केंद्र पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
सोमवार को राज्य विधानसभा में एक बयान में स्वास्थ्य मंत्री नवदास ने कहा कि ओडिशा सरकार सुंदरगढ़ में एम्स स्थापित करने के लिए 200 एकड़ जमीन, डीएमएफ फंड और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. केंद्रीय टीम के जिले का दौरा किए पांच महीने बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
दास ने कहा कि मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 26 सितंबर है. यदि केंद्र एम्स पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करता है, तो हम एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए आवेदन करेंगे. दास द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुंदरगढ़ विधायक कुसुम टेटे ने कहा कि राज्य सरकार की घोषणा और उसकी कार्रवाई के बीच कोई तालमेल नहीं है.
मुख्यमंत्री को प्रस्तावित एम्स पर भारत सरकार को पत्र लिखना चाहिए. राज्य सरकार ने एम्स के संचालन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था और इसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि ओडिशा में क्या हो रहा है. राज्य सरकार अब उन्हें गुमराह नहीं कर सकती है.
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