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भुवनेश्वर, पोरबंदर, कोच्चि और चेन्नई में चार स्क्वाड्रनों में तैनात होंगे एएलएच मार्क-III
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’आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए हैं एचएएल ने
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण के अनुरूप तैयार किये गए 02 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एएलएच मार्क-III शनिवार को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल कर लिये गए। यह अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए हैं। इन एएलएच हेलीकॉप्टरों को भुवनेश्वर, पोरबंदर, कोच्चि और चेन्नई में चार तटरक्षक स्क्वाड्रनों में तैनात किया जाएगा।
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने इन हेलीकॉप्टरों को आईसीजी के बेड़े में शामिल करते हुए प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आईसीजी और एचएएल की भूमिका को सराहा। उन्होंने आईसीजी के लिए इन उन्नत हेलीकॉप्टरों का महत्व बताते हुए कहा कि इससे तटरक्षक बल को सभी तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा करने में आसानी होगी। इस समारोह को नई दिल्ली से डिजिटल माध्यम से बेंगलुरु में आयोजित किया गया था, जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया।
रक्षा सचिव ने हाल ही में ड्रग्स और हथियारों को जब्त करने के लिए चलाये गए ऑपरेशन एवं चक्रवात ताउते और यास के दौरान किये गए बचाव एवं राहत कार्यों के लिए आईसीजी की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को देखते हुए तटरक्षक बल की समयबद्ध तरीके से क्षमता वृद्धि करने की जरूरत है। इन एएलएच हेलीकॉप्टरों को भुवनेश्वर, पोरबंदर, कोच्चि और चेन्नई में चार तटरक्षक स्क्वाड्रनों में तैनात किया जाएगा। समुद्र तटीय राज्यों के साथ साझी समुद्री सीमाएं अवैध गतिविधियों के लिए अतिसंवेदनशील हैं। साथ ही यह क्षेत्र अक्सर चक्रवातों से प्रभावित होते हैं। इसलिए ये स्क्वाड्रन तटीय इलाकों की निगरानी सुनिश्चित करने के साथ ही समुद्र में संकट के समय मछुआरों को सहायता प्रदान करेंगे।
तटरक्षक महानिदेशक के. नटराजन ने हाल के सफल अभियानों के लिए तटरक्षकों के प्रयासों को स्वीकार करते हुए कहा कि आईसीजी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए हमेशा की तरह तैयार है। एएलएच एमके-III को हेलीकॉप्टरों को शामिल करने से जहाज चलाने की हमारी क्षमता में एक नया प्रतिमान आएगा। विस्तारित पहुंच के साथ संचालन और निगरानी कौशल में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि जिम्मेदारी के क्षेत्र और उससे आगे की सेवा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए इन हेलीकॉप्टरों को जहाजों और विमानों के साथ एक समन्वित मैट्रिक्स में तैनात किया जाएगा। इस कार्यक्रम में एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन एवं रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
मुंबई पर आतंकी हमला होने के 9 साल बाद मार्च, 2017 में हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ लगभग 5,126 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर करके मार्क-III के 16 हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया गया था। हेलीकॉप्टरों का पहला बैच एयरो इंडिया के आखिरी दिन 05 फरवरी, 2021 को एचएएल ने नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह को सौंपा था। इसमें 03 एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट नौसेना के लिए और दो एएलएच इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए थे। यह दो हेलीकॉप्टर 18 मार्च को कोस्ट गार्ड को सौंप दिए गए थे। इन्हीं दोनों हेलीकॉप्टरों को आज औपचारिक रूप से आईसीजी के बेड़े में शामिल किया गया है। नौसेना अपने हिस्से के 03 हेलीकॉप्टर 07 जून को अपने हवाई बेड़े में शामिल कर चुकी है।
एचएएल के इंजीनियरों ने ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट में तटीय सुरक्षा के लिए 270 डिग्री कवरेज के साथ एक निगरानी रडार लगाया है, जो कई समुद्री लक्ष्यों का पता लगाकर उन्हें वर्गीकृत और ट्रैक कर सकता है। सिंथेटिक-एपर्चर रडार, उलटा सिंथेटिक-एपर्चर रडार और मूविंग टारगेट इंडिकेशन लगाया गया है, जिसमें वेदर मोड भी है। टोही नियंत्रण के लिए सह-पायलट की ओर बहु-स्पेक्ट्रल इलेक्ट्रो-ऑप्टिक भी लगाया गया है, जो लक्ष्य प्राप्ति और सीमा की खोज करता है। हाई-इंटेंसिटी सर्चलाइट, लाउरहाइलर, 12.7-एमएम केबिन माउंटेड मशीन गन, ट्रैफिक अलर्ट और टक्कर टालने की प्रणाली लगाई गई है।
एचएएल ने मार्क-III के हेलीकॉप्टरों को कोच्चि स्थित नौसेना की भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा विकसित एक स्वदेशी कम आवृत्ति के डंकन सोनार (एलएफडीएस) से लैस किया है। सोनार की इकाइयां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा उत्पादित की जा रही हैं। अब मार्क-थ्री वेरिएंट में एचएएल ने इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर डिस्प्ले सिस्टम (आईएडीएस) के साथ एक पूर्ण ग्लास कॉकपिट लगाया है। रोटरी विंग रिसर्च एंड डिज़ाइन सेंटर (आरडब्ल्यूआरडीसी) ने अधिक शक्तिशाली शक्ति इंजन 1एच1 इंजन के साथ एकीकृत किया है। यह हेलीकॉप्टर सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के साथ ही सुरक्षित जीवन, सुरक्षित समुद्र तट और सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करने में आईसीजी की भूमिका को और महत्वपूर्ण बनाएंगे।
साभार – हिस