लंदन/नई दिल्ली, ब्रिटेन की प्रत्यर्पण अदालत ने भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया है। प्रत्यर्पण न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी को भारत में कानूनी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला देने की नीरव मोदी की दलील को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में अभियुक्त को उचित चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
भारत में जेलों की दशा के बारे में अभियुक्त की दलील को भी अदालत ने खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि ऑर्थर रोड जेल की बैरक नम्बर 12 अभियुक्त को रखे जाने के लिए उपयुक्त है। अदालत ने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था से अभियुक्त को न्याय मिल सकता है। अदालत ने नीरव मोदी की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसकी मानसिक स्वास्थ्य दशा चिंताजनक है तथा उसे भारत नहीं भेजा जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि अभियुक्त जिन हालात में है, उनमें उसकी मानसिक स्थिति को समझा जा सकता है।अदालत ने कहा कि इस दलील में कोई दम नही है कि यदि अभियुक्त को भारत भेजा गया तो वह आत्महत्या कर सकता है। अदालत ने कहा कि मुंबई की जेल में अभियुक्त को चिकित्सा सुविधा मिल सकती है।
अदालत ने नीरव मोदी की इस दलील को भी नहीं माना कि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उसके मामले में कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
उल्लेखनीय है कि नीरव मोदी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोपित है। कानून की गिरफ्त से बचने के लिए वह ब्रिटेन में रह रहा है। उसने भारतीय जांच एजेंसियों की प्रत्यर्पण की मांग अस्वीकार किए जाने के लिए ब्रिटेन की अदालतों में पुरजोर कोशिश की थी।
साभार-हिस
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