Home / National / सेना के टी-90 टैंकों को 1350 हॉर्स पावर के इंजनों से लैस किया जाएगा, डीएसी की मंजूरी

सेना के टी-90 टैंकों को 1350 हॉर्स पावर के इंजनों से लैस किया जाएगा, डीएसी की मंजूरी

  •  चीन सीमा पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात टैंकों की युद्धक्षेत्र में गतिशीलता बढ़ेगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को 54 हजार करोड़ रुपये से अधिक के आठ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय सेना के लिए टी-90 टैंकों के इंजनों को अपग्रेड करने, नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो और वायु सेना के लिए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट सिस्टम खरीद को मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले से पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किये गए इन टैंकों की युद्धक्षेत्र में गतिशीलता बढ़ेगी।

भारतीय सेना का प्रमुख युद्धक टैंक टी-90 रूस के टी-90 टैंक का उन्नत संस्करण है, जिसे भारत ने अपनी जरूरतों के हिसाब से ढालकर ‘भीष्म’ नाम दिया है। सेना ने इसे चीन के साथ गतिरोध शुरू होने पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया था, लेकिन उस समय टैंक में 1000 हॉर्स पावर के इंजन की वजह से दिक्कत आई थी। उच्च ऊंचाई पर चढ़ने में आसानी के लिए सेना ने टी-90 टैंकों में लगे 1000 हॉर्स पावर के इंजन को 1350 हॉर्स पावर के इंजनों से लैस अपग्रेड करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। अब आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को हरी झंडी मिलने के बाद टैंक के इंजनों को बदला जाएगा, जिससे युद्धक्षेत्र में गतिशीलता बढ़ेगी।

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो (लड़ाकू) की खरीद के लिए एओएन को भी मंजूरी दी है। नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में स्वदेशी रूप से विकसित वरुणास्त्र टॉरपीडो पनडुब्बी रोधी है। इस टॉरपीडो को अतिरिक्त मात्रा में शामिल करने से दुश्मनों की पनडुब्बी से होने वाले खतरों के खिलाफ नौसेना की क्षमता में वृद्धि होगी। जहाज से लॉन्च होने वाला टारपीडो वरुणास्त्र पहले से ही भारतीय नौसेना के पास है, लेकिन अब इस करीब 40 किलोमीटर की रेंज वाले बेहद प्रभावी हथियार की और जरूरत है। डीएसी ने आज टारपीडो की अतिरिक्त आवश्यकता के अनुरोध को मंजूरी दे दी है।

भारतीय वायु सेना के लिए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (अवाक्स) एयरक्राफ्ट सिस्टम की खरीद के लिए भी मंजूरी दी गई है। यह अवाक्स सिस्टम युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम को बदल सकते हैं और हर दूसरे हथियार सिस्टम की लड़ाकू क्षमता को तेजी से बढ़ा सकते हैं। रक्षा मंत्रालय में 2025 को ‘सुधारों के वर्ष’ के रूप में मनाने के एक हिस्से के रूप में डीएसी ने पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में समय सीमा को कम करने के लिए दिशा-निर्देशों को भी मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख और शीर्ष नौकरशाह और वैज्ञानिक शामिल रहे।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

दिल्ली ‘नेवा’ प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाला 28वां राज्य बना , पेपरलेस होगी विधानसभा

यह प्रणाली दिल्लीविधानसभा में कार्यप्रवाह को सरल बनाने और विधायकों को डिजिटल संसाधनों से सशक्त …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *