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Court Judgement: जब आपराधिक कार्रवाई चल रही है तो विभागीय कार्रवाई सही नहीं

  • हाई कोर्ट ने पुलिस कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई पर लगाई रोक

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आगरा जिले के पुलिस कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत अरुण सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने पुलिस विभाग को याची के प्रत्यावेदन पर एक महीने में विचार करने का आदेश पारित किया। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने अरुण सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। उन्होंने कहा है कि जब आपराधिक कार्रवाई चल रही है तो विभागीय कार्रवाई सही नहीं है।

याची के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत आगरा के कागारौल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है। याची ने विभागीय कार्रवाई को चुनौती दी।

याची अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि उसके खिलाफ झूठा आरोप लगाया गया है। शिकायत करने वाले के ट्रक का चालान याची के थाना क्षेत्र में हुआ था। बाद में शिकायतकर्ता ने भी अपने दिए गए शपथ पत्र में कहा कि गुस्से में आकर याची व अन्य के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करा दिया था। याची ने कोई भी पैसा नहीं मांगा। याची की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि क्रिमिनल कार्यवाही में आज तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। जबकि, विभागीय कार्रवाई की जा रही है। इस पर कोर्ट ने अनुशासनात्मक अथॉरिटी के समक्ष एक प्रत्यावेदन देने का निर्देश दिया है और विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाते हुए महीने भर में निर्णय लेने का आदेश पारित किया और कहा कि जब आपराधिक कार्रवाई चल रही है तो विभागीय कार्रवाई सही नहीं है।

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