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शिवपुरी में ज्योतिरादित्य को घेरने कांग्रेस ने बदली रणनीति

  • शिवपुरी सीट से पूर्व मंत्री केपी सिंह को टिकट देकर कांग्रेस ने सबको चौंकाया

शिवपुरी। कांग्रेस ने रविवार को अपने 144 सीटों पर जो प्रत्याशी घोषित किए हैं उनमें सबसे चौकाने वाला नाम केपी सिंह का है। केपी सिंह को कांग्रेस ने पिछोर सीट की बजाए इस बार सिंधिया परिवार की परंपरागत सीट मानी जाने वाली शिवपुरी विधानसभा सीट से मौका दिया है।

रविवार को कांग्रेस की जो सूची आई उसमें छह बार से विधायक केपी सिंह को शिवपुरी से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया है। कांग्रेस ने पिछोर विधायक और पूर्व मंत्री केपी सिंह को टिकट देकर सबको चौंका दिया है। राजनीतिक जानकारों ने बताया है कि पिछोर विधानसभा सीट से पिछले छह बार से विधायक केपी सिंह की मुश्किलें इस बार भाजपा ने बढ़ा दी थी क्योंकि भाजपा ने एक विशेष रणनीति के तहत आचार संहिता लगने से कई दिनों पहले ही इस सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी थी। भाजपा ने प्रीतम लोधी को अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी।

कांग्रेस ने अचानक अपना प्लान बदला है

शिवपुरी विधानसभा सीट पर प्रदेश की खेल मंत्री और भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया ने इस बार अपने स्वास्थ्य कारणों को लेकर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इस सीट से बीजेपी की टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के मैदान में उतरने की चर्चा है। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केपी सिंह को शिवपुरी विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करके केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की रणनीति बना ली है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने अचानक अपना प्लान बदला है।

ज्योतिरादित्य के खिलाफ चाहिए मजबूत उम्मीदवार

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि अन्य कांग्रेसियों के मुकाबले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ केपी सिंह मजबूत कैंडिडेट रहेंगे। क्योंकि केपी सिंह पिछोर विधानसभा सीट से आते हैं उसका काफी इलाका शिवपुरी विधानसभा सीट से सटा हुआ है। साथ ही केपी सिंह पूर्व में यहां से कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे हैं और इस इलाके में कई सालों से सक्रिय हैं इसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछोर विधानसभा सीट से लगातार छह बार से जीतते हुए आ रहे कांग्रेस विधायक केपी सिंह को इस सीट से टिकट न देकर जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की रणनीति कांग्रेस ने बनाई है उससे ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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