तमिलनाडु, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को तेलंगाना के हैदराबाद और तमिलनाडु के कोयंबटूर एवं चेन्नई समेत कुल 31 स्थानों पर एकसाथ छापेमारी की। एनआईए ने इस दौरान कई संदिग्ध इलेक्ट्रानिक डिवाइस और कागजात जब्त किए हैं।
एनआईए ने रविवार को बताया कि इन जगहों पर इस्लामिक क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों का इस्तेमाल अरबी कक्षाओं की आड़ में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए किया जा रहा था। कट्टरपंथी गतिविधियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से प्रसारित की जा रही थीं। एनआईए ने कहा कि उसने 60 लाख रुपये नकद और 18,200 डॉलर के अलावा स्थानीय और अरबी भाषाओं की किताबें जब्त कीं हैं। सच्चाई के धरातल तक पहुंचने के लिए छापेमारी के दौरान जब्त किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और हार्ड डिस्क की जांच की जा रही है।
एनआईए ने कहा कि अक्टूबर 2022 में कोयंबटूर में हुआ कार सिलेंडर विस्फोट ऐसे ही कट्टरपंथी गतिविधियों का नतीजा था। आईएसआईएस से प्रेरित एजेंट हमेशा उत्तेजक एवं विरोधी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में लगे हुए थे जो भारत के धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से स्थापित सिद्धांतों के लिए अत्यंत खतरनाक है। एनआईए ने कहा कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश बड़े मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है ताकि उन्हें उतने ही तेजी के साथ आतंकी बनाने और गैरकानूनी कृत्यों में शामिल किया जा सके।
साभार -हिस
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