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ANURAG THAKUR

इंडिया में पत्रकारों के बहिष्कार का फैसला इंदिरा के आपातकाल जैसा

  • जिस तरह इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की थी, उसी प्रकार आईएनडीआईए ने कुछ पत्रकारों के बहिष्कार का निर्णय किया

उदयपुर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए द्वारा कुछ पत्रकारों के बहिष्कार के निर्णय की तुलना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल से की है।

संक्षिप्त यात्रा पर शुक्रवार को उदयपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि जिस तरह इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की थी, उसी प्रकार आईएनडीआईए ने कुछ पत्रकारों के बहिष्कार का निर्णय किया है। यह लोकतंत्र की आवाज को दबाने की ही कोशिश है।

उन्होंने राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां महिला अत्याचार चरम पर है और कांग्रेस के नेता इस पर चुप हैं। मणिपुर हिंसा से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को राजस्थान में हुए कन्हैया हत्याकांड पर भी देखना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री की कानून-व्यवस्था पर कोई पकड़ नहीं है। यही कारण है कि कन्हैया हत्याकांड के दो आरोपितों की जमानत हो गई है। ठाकुर ने पेट्रोल पंपों की हड़ताल पर कहा कि राजस्थान में महंगाई चरम पर है, पेट्रोल-डीजल के भाव आसमान को छू रहे हैं। राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट अब तक नहीं घटाया।

जानिए वह कौन से पत्रकार हैं जिसका सामना नहीं करेगी इंडिया

 

 

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