इण्डो एशियन टाइम्स, नई दिल्ली,
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार कर कृषि शिक्षा में जोड़ा जा रहा है, जो निश्चित रूप से वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप होगा।
तोमर ने सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के अंतरराष्ट्रीय छात्रावास “मधुमास” का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) देश में आई, जिसका समावेश कृषि शिक्षा में हो, इसके लिए काफी काम किया गया है, जो विद्यार्थियों के भविष्य को निखारने में बहुत मददगार सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने व इनके समाधान के साथ देश-दुनिया की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में किसानों के साथ ही हमारे कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
तोमर ने कहा कि कृषि का क्षेत्र हम सब के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में आज हम जिस पड़ाव पर खड़े हुए हैं वहां तक पहुंचने में किसानों के साथ ही वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन बदलते परिवेश और जलवायु परिवर्तन के दौर में और आने वाले कल में बढ़ने वाली मांग के दृष्टिगत व दुनिया की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती हैं।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब हम दुनिया से सीखना चाहते थे, लेकिन आज बड़ी संख्या में अन्य देश कृषि के मामले में भारत से सीखना चाहते हैं, भारत के रास्ते पर चलना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में हम सब लोगों की जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं।
तोमर ने केमिकल फर्टिलाइजर से बचते हुए, वैकल्पिक रूप से प्राकृतिक खेती व जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि इससे किसानी के साथ ही देश को भी हर तरह से फायदा ही होगा।
उल्लेखनीय है कि तोमर ने आज छात्रावास प्रांगण में पौधारोपण किया व फूड कोर्ट का शुभारंभ भी किया। इस छात्रावास में एकल शैया वाले 400 कमरे, स्नानागार- रसोई सहित एकल शैया वाले 56 कमरे व 48 फैमिली अपार्टमेंट हैं, जिनमें 504 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। छात्रावास परिसर में व्यायामशाला, रेस्टोरेंट, सौर ऊर्जा प्रणाली, वर्षा जल संचयन प्रणाली, जनरेटर आधारित पॉवर बैकअप, आर.ओ. प्रणाली आधारित पेयजल, अग्निशामक व्यवस्था, पार्किंग क्षेत्र, लिफ्ट प्रणाली जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं हैं।
साभार -हिस
Posted by: Desk, Indo Asian Times