नई दिल्ली, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को औद्योगिक प्रदूषण को लेकर दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक की। इस बैठक में डीपीसीसी, पर्यावरण विभाग, डीएसआईआईडीसी, राजस्व, एमसीडी, डीडीए आदि के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में औद्योगिक इकाइयों के लगातार निरीक्षण के लिए डीपीसीसी और डीएसआईआईडीसी की 33 टीमों का गठन किया गया है। औद्योगिक अपशिष्ट की डंपिंग की निगरानी के लिए पूरी दिल्ली में 3 विभागों की 472 कर्मियों की 141 पेट्रोलिंग टीम दिन में और 397 कर्मियों की 108 पेट्रोलिंग टीम रात में तैनात करने का निर्णय लिया गया है। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली की 1721 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है।
बैठक के बारे में प्रकाश डालते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि गर्मियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 1 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा 14 फोकस प्वाइंट पर आधारित समर एक्शन प्लान की घोषणा की गई थी। दिल्ली में वायु प्रदूषण में और सुधार लाने के लिए समर एक्शन प्लान के तहत औद्योगिक प्रदूषण पर निगरानी और उसके अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य शुरू हो गया है।
औद्योगिक प्रदूषण अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 3 विभागों की 472 कर्मियों की 141 पेट्रोलिंग टीम दिन में और 397 कर्मियों की 108 पेट्रोलिंग टीम रात में औद्योगिक अपशिष्ट की डंपिंग की निगरानी के लिए तैनात करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही डीपीसीसी और डीएसआईआईडीसी की 33 टीमें औद्योगिक इकाइयों के लगातार निरीक्षण के कार्य में तैनात की गई है। यह सभी टीमें दिल्ली में सभी औद्योगिक इकाइयों पर निगरानी रखने और उनके द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने का कार्य करेगी। जिसकी रिपोर्ट समय समय पर पर्यावरण विभाग को प्रेषित की जाएंगी। डीपीसीसी की इस टीम को औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरण नियमों के उल्लंघन करने पर , सख़्त कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया गया हैं।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि साथ ही दिल्ली की 1721 पंजीकृत औद्योगिक इकाईयों को पीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है और यदि कोई भी औद्योगिक इकाई पर्यावरण के नियमों का उलंघन करते पाई जायेगी, उसपर सम्बंधित विभाग द्वारा उचित और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीपीसीसी को जारी किये गए निर्देश : औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन योजना तैयार करना। औद्योगिक क्षेत्रों से औद्योगिक कचरे का नियमित उठान और उचित वैज्ञानिक निपटान सुनिश्चित करना तथा उद्योगों को केवल अनुमोदित ईंधन पर संचालन करना शामिल है।
साभार -हिस