नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि जैसे-जैसे अधिक से अधिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियां साक्ष्य-आधारित होती जाएंगी, वैसे-वैसे इसकी स्वीकार्यता पूरे विश्व में बढ़ेगी। इसी क्रम में उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक पहल का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को प्रमाणित करने लिए छह साल पहले सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च की स्थापना की गई। इसमें आधुनिक तकनीक और नवीनतम शोध तरीकों का उपयोग किया जाता है। यह केंद्र पहले ही प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में 20 पेपर प्रकाशित कर चुका है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जनरल में प्रकाशित एक पेपर में सिंकोप से पीड़ित मरीजों को योग से होने वाले लाभ के बारे में बताया गया है। न्यूरोलॉजी जनरल के पेपर में सिर दर्द में योग के फायदों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा कई और बीमारियों में भी योग के लाभ को लेकर शोध किए जा रहे हैं। इसमें हृदय रोग, अवसाद, अनिद्रा और गर्भधारण के दौरान महिलाओं को होने वाली समस्याएं शामिल हैं।
साभार-हिस