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तूफान अंफान की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री की समीक्षा

  • 12 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ की बात

  • सरकार पूर्ण रुप से तैयार, लोग आतंकित न हों – नवीन पटनायक

भुवनेश्वर. संभावित तूफान आंफन का मुकाबला को लेकर राज्य के 12 जिले व विशेष कर चार तटीय जिलों में राज्य सरकार ने तैयारियां शुरु कर दी है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा राज्य के मुख्य सचिव ने 12 जिलों के जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों से संभावित तूफान की तैयारियों को लेकर समीक्षा की. राज्य के विशेष राहत आयुक्त ने प्रदीप महापात्र ने शाम को पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि इस समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कोविद-19 के काम को काफी अच्छे ढंग से करने के कारण जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों की सराहना की तथा इस तूफान के मुकाबले के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिड्योर के अनुसार कार्य करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि इसमें जैसे किसी की जान की हानी न हो, इस बात पर प्रशासन को ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि कच्चे घरों व एजबस्टेस घरों में रहने वाले लोगों को यदि आवश्यक हो तो सुरक्षित स्थानों पर लिये जाने का प्रबंध किया जाए, ताकि नुकसान को न्यूनतम किया जा सके. आश्रय स्थलों को उससे पहले ठीक रखने के लिए प्रबंध करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भी राज्य की जनता अनेक बार तूफानों का सामना कर चुकी है. इसलिए लोगों को आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है तथा सरकार को उन्हें सहयोग करना चाहिए. उन्होंने इस बैठक में कहा कि एनडीआरएफ, ओड्राफ व अग्निशमन विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखकर निचले इलाके तथा कच्चे घरों से लोगों को सुरक्षित लाने के लिए योजना जिला प्रशासन तैयार करे. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि तूफान  के बाद सड़क, बिजली, व पेयजल आपूर्ति को स्वाभविक करने के लिए विकल्प व्यवस्था तैयार रखें. इसके लिए उन्हें लोक निर्माण, ऊर्जा, पंचायतीराज व पेयजल व शहरी विकास विभाग के बीच बेहतर समन्वय रख कर काम करने के लिए उन्होंने सलाह दी.

बैठक में बताया गया कि तूफान से सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका वाले केन्द्रापड़ा, भद्रक, बालेश्वर व मयूरभंज जिले में एक लाख हेक्टेयर की जमीन पर रवि फसल व सब्जी की खेती को नुकसान होने की आशंका है. इस कारण किसानों को अधिक से जागरुक करने के लिए कहा गया.

विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने बताया कि तूफान अंफान के दौरान 11 लाख लोग रह पाने जैसे 567 तूफान आश्रय स्थल व 7000 पक्का घरों को तैयार रखा गया है. इसके साथ ही अभी तक एनडीआरएफ की तीन टीमें तथा ओड्राफ की  12 टीमें एवं 355 अग्निशमन यूनिट इन चार जिलों में भेजी जा चुकी है.

बैठक में यह भी बताया गया कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा अंफान के कारण 18 मई से ही कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने तथा 19 व 20 को तटीय ओडिशा में भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है. इससे 12 जिलों में प्रभाव होने का अनुमान लगाया गया है.

इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, पुलिस महानिदेशक, विशेष राहत आयुक्त, सभी विभागों के सचिव  व गंजाम, पुरी, नयागढ़, खुर्दा, कटक, ढेंकानाल, केन्द्रापड़ा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालेश्वर, भद्रक व मयूरभंज जिले के जिलाधिकारी उपस्थित थे.

 

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