Home / National / पूर्वी लद्दाख के गहराई वाले क्षेत्रों में फिर सक्रिय हुआ चीन

पूर्वी लद्दाख के गहराई वाले क्षेत्रों में फिर सक्रिय हुआ चीन

  •  ऊंची पहाड़ियों और पैन्गोंग झील की बर्फ पिघलते ही खत्म होने लगी शीतकालीन तैनाती

  •  इसी साल फरवरी में विस्थापन होने पर दोनों देशों में बंधी थी गतिरोध खत्म होने की उम्मीद

नई दिल्ली, भारत में कोविड संकट होने का फायदा उठाकर चीन फिर से पूर्वी लद्दाख के गहराई वाले क्षेत्रों में चुपचाप स्थायी आवास और डिपो का निर्माण करके अपनी उपस्थिति को मजबूत करने में लग गया है। चीन के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद सीमा की ऊंची पहाड़ियों की बर्फ पिघलने लगी है और पैन्गोंग झील का लगभग 97% हिस्सा पिघल गया है। यानी कि पीएलए की शीतकालीन तैनाती खत्म होने के शुरुआती दिनों में ही चीन उन इलाकों में सक्रिय हुआ है जहां भारत के साथ समझौते के बाद इसी साल फरवरी में दोनों सेनाओं का विस्थापन होने पर गतिरोध खत्म होने की उम्मीद बंधी थी।
इसी साल की शुरुआत में भारत के साथ हुए समझौते के बाद चीन ने बड़ी तेजी के साथ पैन्गोंग झील के फिंगर एरिया को खाली करना शुरू कर दिया था। दोनों देशों के बीच मुख्य विवाद की वजह बनी फिंगर-4 की रिजलाइन खाली करने के साथ ही चीनियों ने फिंगर-5 और फिंगर-8 के बीच किये गए पक्के निर्माणों को भी हटाया है। भारत ने भी सुरक्षा की दृष्टि से उन स्थानों से सैनिकों को कम कर दिए हैं जहां दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ था। इस एरिया से विस्थापन प्रक्रिया पूरी होने और उसका सत्यापन होने के बाद 20 फरवरी को भारत-चीन के कोर कमांडरों के बीच 10वें दौर की सैन्य वार्ता भी हुई। इसके बाद 11वें दौर की सैन्य वार्ता 09 अप्रैल को हुई जिसमें गोगरा, डेप्सांग और हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर सहमति नहीं बन पाई।
दोनों देशों के बीच अगले दौर की वार्ता होने से पहले ही भारत में चीन के ही वायरस कोरोना की दूसरी लहर ने देश में नया संकट खड़ा कर दिया है। इस बीच सीमा की ऊंची पहाड़ियों की बर्फ पिघलने लगी और पैन्गोंग झील का लगभग 97% हिस्सा पिघल गया है। इसी के साथ चीनी सैनिकों की शीतकालीन तैनाती भी खत्म होने लगी है। माइनस 35 डिग्री तापमान में तैनात रहे चीन के सैनिकों की ‘घर वापसी’ होने के साथ नए सैनिकों की बटालियन सीमा के अग्रिम क्षेत्रों में आने लगी हैं। भारत में कोरोना संकट और जारी सैन्य वार्ता के बीच चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के गहराई वाले क्षेत्रों में स्थायी आवास और डिपो का निर्माण करके अपनी उपस्थिति फिर से मजबूत करनी शुरू कर दी है। अक्साई चिन के उत्तर में कांग्ज़िवर और रुडोक के बीच तिब्बत के लद्दाख सीमांत में बने नए स्थायी चीनी आवास ने अलार्म बजा दिया है। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के साथ ग्राउंड इंटेलिजेंस और सेटेलाइट तस्वीरों से भी इसका खुलासा हुआ है।
चीन सीमा पर यह गतिविधियां तब देखने को मिल रही हैं जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संदेश लिखकर भारत में खराब होती कोरोना की स्थिति को दखते हुए संवेदना संदेश भेजकर इस मुश्किल घड़ी में मदद का प्रस्ताव दिया है। अपने संदेश में शी जिंनपिंग ने लिखा है कि चीन महामारी के इस मुश्किल समय में भारत को हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है। इससे पहले गुरुवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत को अधिकतम सहयोग करने का वादा किया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र में विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि भारत जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उसके प्रति चीन सहानुभूति व्यक्त करता है।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

MODI

पिछला दशक ट्रेलर था, अब नई ऊंचाइयों पर जाएगा भारतः प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले दशक में हुई प्रगति केवल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *