Home / National / भारत सरकार ने एलसीए तेजस मार्क-2 के 6 प्रोटोटाइप विमान निर्माण को दी मंजूरी

भारत सरकार ने एलसीए तेजस मार्क-2 के 6 प्रोटोटाइप विमान निर्माण को दी मंजूरी

  •  जीई-414 विमान इंजन भारत में ही विकसित करने से रास्ता हुआ साफ

  •  इंजन की अनुपलब्धता के कारण प्रोटोटाइप का निर्माण अटका हुआ था

नई दिल्ली, भारत सरकार ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-2 के 6 प्रोटोटाइप विमानों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। अभी तक इंजन की अनुपलब्धता के कारण प्रोटोटाइप का निर्माण अटका हुआ था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया अमेरिकी दौरे में जीई-414 विमान इंजन भारत में ही विकसित किये जाने का समझौता होने बाद एलसीए तेजस मार्क-2 के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
भारतीय वायुसेना लगभग दो साल पहले स्वदेशी शक्तिशाली लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 की डिजाइन को मंजूरी दे चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने पिछले साल 31 अगस्त को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद इस साल के अंत तक स्वदेशी बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 का प्रोटोटाइप आने की संभावना जताई गई थी, लेकिन इसके लिए इंजन फाइनल न होने से प्रोटोटाइप का विकास अधर में लटका था। अब केंद्र सरकार ने हल्के लड़ाकू विमान मार्क-2 के छह प्रोटोटाइप पर काम शुरू करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

केंद्र का यह निर्णय वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हालिया बैठक के बाद आया है, जहां भारत में जीई-414 विमान इंजन का उत्पादन करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ था। भारत में जीई-414 इंजन के निर्माण पर समझौते के साथ सरकार की मंजूरी मिलने से परियोजना साकार होने के एक कदम करीब आ गई है। हालांकि, भारत सरकार ने रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी अभी भी लंबित है। इसके बावजूद इस सौदे को अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रोटोटाइप के विकास में लगभग 5-6 साल लगने का अनुमान है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) 15 साल या उससे अधिक की अवधि में 230 एलसीए मार्क-2 विमानों का निर्माण करेगा। इस व्यापक परियोजना पर हजारों करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। एलसीए मार्क-2 कार्यक्रम से भारत की स्वदेशी एयरोस्पेस क्षमताओं को बढ़ावा मिलने के साथ ही वायु सेना का हवाई बेड़ा भी मजबूत होगा। भारतीय वायु सेना शुरुआत में 108 विमानों का ऑर्डर दे सकती है। बाद में इनकी अंतिम गिनती 230 हो सकती है, जिसके बाद 2030 तक बेड़े में लड़ाकू विमान होंगे।
साभार -हिस

Share this news

About desk

Check Also

सैम पित्रौदा के बाद अब मणिशंकर अय्यर का बयान विवादों में

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सैम पित्रौदा के बाद अब मणिशंकर अय्यर का एक विवादित बयान …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *