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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीडीआरआई को अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में श्रेणीबद्ध करने औऱ मुख्यालय समझौते पर हस्ताक्षर को दी मंजूरी

नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) को ‘अंतर्राष्ट्रीय संगठन’ के रूप में श्रेणीबद्ध करने और सीडीआरआई के साथ मुख्यालय समझौते (एचक्यूए) पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी, ताकि इसे संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 के तहत अपेक्षित छूट, उन्मुक्ति और विशेषाधिकार दिए जा सकें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से सीडीआरआई को एक ‘अंतर्राष्ट्रीय संगठन’ के रूप में श्रेणीबद्ध करने और संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 की धारा 3 के तहत अपेक्षित छूट, उन्मुक्ति और विशेषाधिकार प्रदान करने के लिए सीडीआरआई के साथ एचक्यूए पर हस्ताक्षर करने से इसे एक स्वतंत्र और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी पहचान प्राप्त होगी, ताकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कार्यों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से पूरा कर सके। इससे सीडीआरआई अन्य देशों में विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकेगा, जो विशेष रूप से आपदा जोखिम के प्रति संवेदनशील हैं या आपदा के बाद के राहत कार्यों के लिए उन्हें समर्थन की आवश्यकता है तथा इसी तरह के उद्देश्यों के लिए सदस्य देशों के विशेषज्ञों को भारत ला सकेगी।
इसके साथ ही सीडीआरआई गतिविधियों के लिए विश्व स्तर पर धन नियोजित करना और सदस्य देशों से योगदान प्राप्त करना, देशों को उनकी आपदा एवं जलवायु जोखिम और संसाधनों के अनुसार सहनीय अवसंरचना विकसित करने में सहायता के लिए तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराना और सहनीय अवसंरचना के लिए उपयुक्त जोखिम रोधी शासन व्यवस्था और रणनीति अपनाने में देशों को सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त, 2019 को, मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली में अपने सचिवालय के साथ सीडीआरआई की स्थापना के लिए मंजूरी दी थी और इसे 480 करोड़ रुपये का समर्थन दिया था। भारत सरकार से प्राप्त सहायता धनराशि, सीडीआरआई के लिए तकनीकी सहायता और अनुसंधान परियोजनाओं को वित्त पोषित करने, सचिवालय कार्यालय स्थापित करने और 2019-20 से 2023-24 तक 5 वर्षों की अवधि में आवर्ती व्यय को कवर करने के लिए एक कोष के रूप में कार्य कर रही है।
साभार -हिस

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