ऋषिकेश। उत्तराखंड के विद्युत क्षेत्र के अग्रणी उपक्रम, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने सितंबर- 2024 तक उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में अपने कोयला आधारित बिजली संयंत्र को चालू करने का लक्ष्य रखा है। इस बाबत कंपनी के निदेशक (पर्सनल) ने बताया कि इस लक्ष्य के साथ ही कंपनी घरेलू ताप विद्युत क्षेत्र में उतर जाएगी।
निदेशक (पर्सनल) शैलेंद्र ने बताया कि टीएचडीसीआईएल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 1,320 मेगावाट 2X660 मेगावाट की अत्याधुनिक तापीय बिजली परियोजना एसटीपीपी स्थापित कर रही है। परियोजना की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर निदेशक ने बताया कि इसका काम पूरे जोरों पर चल रहा है। हमें 660 मेगावाट की पहली इकाई इस साल सितंबर तक और दूसरी इकाई मार्च 2025 तक चालू होने का अनुमान है। यह लगभग 12,000 करोड़ रुपये की परियोजना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड स्थित इकाई की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 1,587 मेगावाट है, जिसमें से 1,424 मेगावाट जलविद्युत, 113 मेगावाट पवन और 50 मेगावाट सौर है।
कंपनी के निदेशक (पर्सनल) ने बताया कि जनवरी-2024 तक बुलंदशहर जिले के खुर्जा में इस अत्याधुनिक तापीय बिजली संयंत्र के एसटीपीपी पर 9,428.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और लगभग 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि कंपनी खुर्जा एसटीपीपी में पर्यावरण-अनुकूल कार्बन कैप्चर तकनीक लागू करने की प्रक्रिया में है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी। परियोजना का विवरण साझा करते हुए उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला 09 मार्च, 2019 को रखी थी। यह परियोजना 1,200.843 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है।
उन्होंने बताया कि यह एक एकीकृत कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र है, जो मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थित अमेलिया कोयला खदान से जुड़ा है। परियोजना पूरी होने पर संयंत्र 85 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर पीएलएफ के अनुरूप सालाना 926.4 करोड़ यूनिट बिजली पैदा करेगा। विद्युत मंत्रालय के बिजली आवंटन के अनुसार, उत्पादित बिजली का 64.7 प्रतिशत उत्तर प्रदेश को आपूर्ति की जानी है और शेष अन्य लाभार्थियों को दी जाएगी।
साभार -हिस