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ओडिशा में क्यों जारी है शर्मनाक प्रथा, सीवरेज पाइपों और सैप्टिक टैंकों की मैनुअल सफाई गैरकानूनी – हाईकोर्ट

  • चार सफाईकर्मियों की मौत पर ओडिशा हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, रिपोर्ट तलब

  • कहा-देश में सीवरेज पाइपों और सैप्टिक टैंकों की मैन्युअल सफाई की शर्मनाक प्रथा जारी

  • 10 मई तक पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने को कहा

कटक. राज्य में सीवरेज लाइनों और सैप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान चार सफाई कर्मचारियों की हाल ही में हुई मौतों का संज्ञान लेते हुए ओडिशा उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुख्य सचिव समेत कई सरकारी विभागों को नोटिस जारी कर उनसे मामले की रिपोर्ट तलब की है.

पिछले सप्ताह कटक में सीवरेज सफाई के काम करने के दौरान दो सफाई कर्मचारियों की मृत्यु हो गई थी और एक अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गया था. इसी तरह से पिछले महीने भुवनेश्वर में एक सैप्टिक टैंक में प्रवेश करने के बाद दो अन्य लोगों की मौत हो गई थी.

मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति बीपी राउराय की खंडपीठ ने कहा कि यह हादसा न्यायिक विवेक को झकझोर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि देश में सीवरेज पाइपों और सैप्टिक टैंकों की मैन्युअल सफाई की शर्मनाक प्रथा जारी है, जबकि कानूनी प्रतिबंधित है. यह काम मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम (पीईएमएसआर) के तहत 2013 में इस तरह के काम को प्रतिबंध किया गया था. अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों घटनाओं में उपरोक्त धाराओं के अनिवार्य प्रावधानों का भारी उल्लंघन हुआ है. अदालत ने कहा कि अधिकांश सफाई कर्मचारी एससी या एसटी समुदाय के हैं और इसलिए एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया जा सकता है.

मुख्य सचिव  को दोषी मानते हुए अदालत ने आवास और शहरी विकास तथा एससी-एसटी कल्याण विभाग के के सचिवों, दोनों शहरों के नगर निगमों के आयुक्तों और अन्य संबंधित लोगों को नोटिस जारी करते हुए उच्च न्यायालय ने उनसे हलफनामों में अलग-अलग रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

इसने मामले को तय करने में उच्च न्यायालय की सहायता के लिए दो अधिवक्ताओं को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो इस विशेष मामले में अदालत के एक निष्पक्ष सलाहकार होंगे.

सुनवाई की अगली तारीख 10 मई तय करते हुए पीठ ने संबंधित प्राधिकारों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उस तारीख तक मृतक श्रमिकों के परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में स्वच्छता कर्मियों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी, जिनकी मृत्यु हो गई है.

इधर, कटक में हुई इस घटना के सिलसिले में एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया और दो वरिष्ठ इंजीनियरों का तबादला कर दिया गया है.

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