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श्रमिक विरोधी नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : बलाणी, ठेकेदार मजदूर संघ

  • बीजू कल्याण लोडिंग एजेंसी के नाम से कोई भी लोडिंग ठेकेदार कंपनी काम नहीं कर रही है -कमलापति यादव

  • कहा-प्रवाद पुरूष बीजू पटनायक के नाम का दुरूपयोग करने का आरोप

भुवनेश्वर. बड़बिल एवं बलाणी रेल साइडिंग से श्रमिकों को हटाकर मशीन के जरिए लोडिंग कार्य करने की कुछ लोग जो योजना बना रहे हैं, वह हास्यास्पद है एवं स्थानीय श्रमिकों को भ्रमित कर लोडिंग मशीन की मदद से खुद मुनाफा कमाने के लिए एक घृणित षडयंत्र कर रहे हैं. यह आरोप बलाणी ठेका मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कमलापति यादव ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए लगाया है.

कमलापति यादव ने स्पष्ट किया है कि बीजू कल्याण लोडिंग एजेंसी के नाम से कोई भी लोडिंग ठेकेदार कंपनी काम नहीं कर रही है. उन्होंने कहा है कि प्रवाद पुरूष बीजू पटनायक के नाम का दुरूपयोग कर श्रमिकों को कार्य से हटाने एवं मशीन के जरिए लोडिंग कार्य सम्पन्न कर श्रमिकों को बरगलाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि जो व्यक्ति विशेष आज इस तरह के गलत तथ्य प्रशारित कर रहे हैं, उन्हें यह याद रखना होगा कि वे खुद जब अतीत में कांग्रेस का पताका बुलंद कर रहे थे तब हम बीजू बाबू के आदर्श को प्रचार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि लोडिंग कार्य के लिए जिस दर का निर्धारण कर इन ठेकादारों ने लाया है उस दर में काम करना असंभव है. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि केवल श्रमिकों को हटाने के लिए एवं मशीन को लाने के लिए हीन षडयंत्र रचा जा रहा है.

बलाणी साइडिंग में 750 श्रमिक काम कर रहे हैं. उनकी दैनिक मजदूरी, लिव, सिक, बोनस को छोड़कर यदि किसी कारण वश ठेकेदार संस्था उन्हें मुहैया नहीं कर पायी तो फिर उन्हें दिए जाने वाले आईडिल वेजेस आदि को मिलाकर टन पीछे कम से कम 40 से 45 रुपये का खर्च होगा. एक टन के पीछे 10 से 12 रुपये मशीन के बाबद में खर्च होगा. श्रमिकों के अलावा उक्त साइडिंग में 50 से 60 कर्मचारी नियोजित हैं. ऐसे में टन पीछे 36 रुपये में काम लाने वाले ठेकेदार को श्रमिक के बदले लोडिंग मशीन लगाने या फिर श्रमिकों के बोनस, लिव, सीक, आदि के बाबद में राशि हड़पने की बात को स्थानीय श्रमिकों को पता चल गई है. ऐसे में रेलवे साइडिंग में कार्यरत प्रत्येक श्रमिकों के बैंक जमा खाता देखकर मनी ट्रांसफर के जरिए उनके प्राप्य को प्रदान किया जाता है. श्रमिकों को नगदी राशि प्रदान न कर बैंक के माध्यम से प्रदान करने से एक रुपये भी हेरफेर होने का सवाल ही नहीं उठता है. जो व्यक्ति आज इस तरह की बातें रख रहे हैं, वे अतीत में विभिन्न खदान क्षेत्र से खदान लीजधारकों से टन पीछे वसूली करते थे, जिसे हर कोई जानता है.

आज जो ठेकेदार इस साइडिंग समूह में लोडिंग के लिए कमर कस रहे हैं, वे उन्हें यह याद रखना होगा कि इसमें श्रमिकों को प्राप्य बैंक पेमेंट के माध्यम से दिया जाता है. ऐसे में उन्हं प्राप्य अर्थराशि से एक पैसा भी इधर से उधर होने पर या फिर उन्हें साइडिंग से हटाकर मशीन की मदद से लोडिंग कराने का सपना देखने वालों को स्थानीय श्रमिक उन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी यादव ने दी है. श्रमिक विरोधी इस अभियान में केन्दुझर जिले के प्रशासन को मुक दर्शक बन जाना दुर्भाग्यजनक है.

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