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रेल मंत्रालय ने पहली बार वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सभी जोन/डिवीजनों/उत्पादन इकाइयों को आपस में जोड़ा

  • 2320 सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के लिए ‘आभासी सेवानिवृत्ति समारोह’ का आयोजन किया

नई दिल्ली. रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने रेलवे के लिए समर्पित सेवाएं व बहुमूल्य योगदान देने के लिए सेवानिवृत्त पदाधिकारियों की सराहना की सेवानिवृत्त पदाधिकारियों से अनुरोध किया गया कि वे निरंतर ऐसे कार्य करते रहें जिनसे समाज बड़े पैमाने पर लाभान्वित हो एवं राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया और आगे बढ़े सेवानिवृत्त पदाधिकारियों ने इस आयोजन में भाग लेने और इसे यादगार बनाने के लिए श्री पीयूष गोयल का धन्यवाद किया

रेल मंत्रालय ने अपनी तरह के पहले आयोजन में 31 जुलाई, 2020 को सेवानिवृत्त हुए भारतीय रेलवे के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए एक आभासी (वर्चुअल) सेवानिवृत्ति समारोह का आयोजन किया। यह एक ऐसा विशिष्‍ट आयोजन था, जिसमें सभी जोन/डिवीजनों/उत्‍पादन इकाइयों को एक ही प्‍लेटफॉर्म पर अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ जोड़ा (कनेक्‍ट) गया था। भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार रेल मंत्री ने 31 जुलाई, 2020 को सेवानिवृत्त हुए सभी 2320 अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ संवाद किया। इस समारोह में रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश सी अंगड़ी, रेलवे बोर्ड के सचिव श्री सुशांत कुमार मिश्रा और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘यह खुशी और गम का दिन है। यह खुशी का अवसर इसलिए है क्योंकि इन पदाधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में, विभिन्न पदों पर, विभिन्न दायित्‍वों के निर्वहन के लिए लंबी अवधि तक अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। रेलवे को बेहतर रेलवे बनाने में आपके योगदान और भविष्य के लिए रेलवे को तैयार करने में आपकी भूमिका  को सदैव याद रखा जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में रेलवे ने अपनी कार्यशैली में उल्‍लेखनीय सुधार दर्शाया है।

कोविड काल में मालगाड़ियों, पार्सल गाड़ियों, श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन किया गया। रेलवे ने महामारी के दौरान देश की सेवा के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए हैं। रेल कर्मचारी दरअसल कोरोना योद्धाओं से कमतर नहीं हैं। मैं कोविड के खिलाफ लड़ाई के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए कर्मचारियों की सराहना करता हूं।’

श्री गोयल ने कहा कि यह सेवानिवृत्ति वास्‍तव में किसी की भी जीवन यात्रा में एक मध्यवर्ती या बीच का स्टेशन है, इस यात्रा के बाद का आधा हिस्सा दिलचस्प हो सकता है, बशर्ते कि कोई देश के लिए कुछ बेहतर करने का फैसला करता है और व्‍यापक परिवर्तन लाने में अग्रणी बन जाता है। यदि हम अपने जीवन में कुछ समय बचाएं और अपने जीवन में प्राप्‍त अपने अनुभवों का उपयोग राष्ट्र की सेवा में करें, तो हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। हम अगली पीढ़ी को बेहतर तरीके से प्रोत्साहित कर सकते हैं और उन्‍हें एक बेहतर देश विरासत में दे सकते हैं।

उन्होंने एक छोटे से कार्य ‘स्वच्छता’ का उल्लेख किया जिसके परिणामस्वरूप व्‍यापक बदलाव आया। उन्होंने सेवानिवृत्त लोगों से वर्षा जल के संचयन, गीले अपशिष्‍ट से खाद का उत्पादन करने, किसानों की फसल पैदावार बढ़ाने के लिए अभिनव तरीके सोचने जैसे कार्य निरंतर करते रहने का आग्रह किया जिनसे समाज में स्‍पष्‍ट नजर आने वाले बदलाव आएं।

उन्होंने सुझाव देते हुए यह भी कहा कि रेलवे से सेवानिवृत्त होने वाले सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को सरकारी क्षेत्र में काम करने का व्यापक अनुभव है। वे भारत सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में आम लोगों को सूचित एवं शिक्षित कर सकते हैं, ताकि आम आदमी लाभान्वित हो सके और आत्मनिर्भर बन सके। यह उनके जीवन को बेहतर बनाने में एक बड़ा योगदान हो सकता है।

श्री गोयल ने 31 जुलाई, 2020 को सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों/कर्मचारियों के बहुमूल्य योगदान के लिए उनकी सराहना की और इसके साथ ही उनके आगे का जीवन अच्छा होने की मंगल-कामना की।

श्री सुरेश सी. अंगड़ी ने सेवानिवृत्त पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप सभी के बीच रहना अत्‍यंत खुशी की बात है। रेलवे के साथ-साथ देश भी उन सेवाओं को कभी नहीं भूल सकता जो रेल कर्मचारियों ने अथक रूप से प्रदान की हैं। युवा कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए आपकी सलाह/सुझाव का सदैव स्वागत है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे आपको शक्ति दें और सदैव खुशहाल रखें। एक रेलकर्मी सदैव एक रेलकर्मी होता है।’

इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने रेल मंत्री व रेल राज्य मंत्री के साथ बातचीत की और उनके सेवानिवृत्ति समारोह को एक यादगार सेवानिवृत्ति समारोह बनाने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी कहा कि वे सदैव ‘रेल परिवार’ का हिस्सा बने रहेंगे।

कुल 2320 अधिकारी/कर्मचारी भारतीय रेलवे से सेवानिवृत्त हुए।

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