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ओडिशा सरकार ने लिया बड़ा फैसला
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विस्तार के लिए जमीन भी आवंटित
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने केंदुझर जिले के धरणीधर विश्वविद्यालय को 140.71 करोड़ रुपये की बकाया राशि माफ करते हुए इसके विस्तार के लिए 40.19 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
इस फैसले का उद्देश्य विश्वविद्यालय के उत्तरी और दक्षिणी परिसरों की स्थापना कर क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच को और बेहतर बनाना है।
जमीन आवंटन का विवरण
एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने केंदुझर तहसील के सुलेईखामार, सतसिंघा, गाम्भारिया और ब्रह्मनगांव—इन चार गांवों में जमीन लीज पर देने की अनुमति दी है।
राज्य सरकार ने 140.71 करोड़ रुपये की एकमुश्त शुल्क और 50.26 लाख रुपये की वार्षिक शुल्क माफ कर दी है, जिससे विश्वविद्यालय को यह भूमि बिना किसी वित्तीय बोझ के स्थानांतरित की जा सकेगी।
धरणीधर विश्वविद्यालय, जो ओडिशा के प्रमुख सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, इस निर्णय से अब अपने विस्तार की दिशा में ठोस कदम उठा सकेगा।
शिक्षा विकास पर विशेष जोर
नव आवंटित भूमि पर दो नए परिसरों का निर्माण किया जाएगा, जिससे छात्र क्षमता में वृद्धि, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और आधुनिक शोध सुविधाओं का विकास संभव होगा।
यह पहल खासकर आदिवासी बहुल केंदुझर जिले में शिक्षा के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की राज्य सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
सिंचाई परियोजना को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मयूरभंज जिले की खैरिभंडन नदी पर 97.67 करोड़ रुपये की लागत से बैराज निर्माण को मंजूरी दे दी है।
30 महीनों में पूर्ण होने वाली इस परियोजना से 6,950 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी और 47 गांवों के 35,000 लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य सरकार के ये फैसले एक तरफ जहां धरणीधर विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर कृषि और पेयजल की जरूरतों को भी पूरा कर ग्रामीण विकास को मजबूती प्रदान करते हैं। यह ओडिशा के शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में दूरदर्शी नीति का संकेत है।