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शरीर दान के प्रति उत्सर्ग का प्रयास रंग लाने लगा

  •  पांच और लोगों ने शरीर दान की घोषणा किया

संबलपुर। शरीर दान के प्रति सचेतनता का अलख जगा रहे सामाजिक संगठन उत्सर्ग का प्रयास रंग लाने लगा है। उत्सर्ग के सदस्यों के सक्रिय प्रयासों के बलपर संबलपुर समेत आसपास के शहरो के दर्जनों लोगों ने अबतक अंग एवं शरीर दान करने के समझौते पर अपनी सहमति की मोहर लगा दिया है।  कुछ दानवीरों ने तो मरणोपरांत अपना शरीर वीर सुरेन्द्र साय इंष्टीटयुट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के एनाटोमी विभाग को दान भी कर चूके हैं। फिलहाल डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्र उन शवों का विस्तारित अध्ययन कर अपना भविष्य संवारने में लग गए हैं। मरणोपरांत अपनी नाम एवं परिवार की छाप छोड़ गए ऐसे महान व्यक्त्विों को संबलपुर तथा समाज सर्वदा याद रखेगा। इस कड़ी में पांच और लोगों ने अपना नाम जोड़ दिया है। सामाजिक संगठन उत्सर्ग के हवाले से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मकर संक्रांति के पावन अवसर पर दो परिवारों के और पांच महानुभवों ने मरणोपरांत अपना अंग एवं शरीर समाज सेवा के प्रति समर्पित करने की इच्छा जाहिर किया। विधिवत तरीके से उन्होंने इस सिलसिले में समझौता पत्र पर हस्तारित भी कर दिया है। विज्ञप्ति के अनुसार संबलपुर के गिंघिरापड़ा-बड़ाबाजार निवास जयदेव विसी, उनके पुत्र गोपाल कृष्ण विसी एवं पुत्रवधू लिपशा पंडा ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति एवं सहमति पर यह साहसकि फैसला लिया है। जयदेव विसी भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत कर्मचारी हैं। पुत्र गोपाल कृष्ण विसी सेना के जवान हैं तथा फिलहाल भटिंडा में तैनात हैं। जबकि पुत्रवधू लिपशा सफल गृहणी हैं। बताया गया है कि यह परिवार वर्षों से अपने पैतृक गांव में अंग एवं शरीर दान के प्रति सचेतनता का अलख जगा रहा है। इनके परिवार के अन्य कई सदस्यों ने भी मरणोपरांत शरीर दान करने की इच्छा जाहिर किया है। इसके अलावा बरगांव निकटस्थ छचानपाली के गौंतिया सुरेन्द्र पाणिग्राही एवं उनकी धर्मपत्नी जमुना पाणिग्राही ने उत्सर्ग कार्यालय आकर स्वैच्छा से मरणोपरांत शरीर दान करने मंशा जाहिर किया और समझौता पत्र पर अपनी सहमति प्रदान किया। श्री पाणिग्राही बरगांव इलाके में वृक्षारोपण, नेत्रदान एवं रकतदान के प्रति  अर्से से सचेतनता जाग्रत करने का काम कर रहे हैं। विसी एवं पाणिग्राही परिवार ने सामाजिक संगठन उत्सर्ग के वरिष्ठ सदस्य डा. विजय कुमार प्रधान, प्रवीण दीक्षित, रूद्रनारायण मिश्र, प्रशांत पाटजोशी, प्रणवानंद दानी, लोकनाथ पांडे एवं कानूनी सलाहकार लक्ष्मण पाणिग्राही की उपस्थित में इस महती कार्य को अंजाम दिया।

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