Home / Odisha / भुवनेश्वर में दुर्गोत्सव पर कोरोना का काला साया

भुवनेश्वर में दुर्गोत्सव पर कोरोना का काला साया

  • नहीं बनेगा विशाल पंडाल और चंदा संग्रह करने की नहीं मिली अनुमति

  •  छोटे पैमाने पर होगा आयोजन, सामूहिक दर्शन व विसर्जन पर रोक

  •  षष्ठी से सभी आयोजनों का लाइव टेलीकास्ट का प्रस्ताव

  •  कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर लिया गया निर्णय

  •  पूजा समितियों का सफाई और जागरूकता फैलाने में सहयोग का प्रस्ताव

भुवनेश्वर. राजधानी क्षेत्र में कोरोना वायरस का काला साया अब दुर्गोत्सव के आयोजन पर भी पड़ता नजर आ रहा है. राजधानी में यह तो साफ हो गया है कि विशाल पंडाल बनाने और घर-घर चंदा वसूलने को अनुमति नहीं होगी. इसके आगे की रूप-रेखा अभी तय होनी बाकी है. कोविद-19 महामारी के मद्देनजर भुवनेश्वर में दुर्गा पूजा के आयोजन के लिए एक विस्तृत रणनीति बनाई जा रही है. त्योहारों को केवल अनुष्ठानों के पालन तक सीमित रखने सहित कई प्रस्ताव सोमवार को यहां कमिश्नरेट पुलिस द्वारा बुलाई गई तैयारी बैठक में पेश किया गया. भुवनेश्वर भसाणी समिति के सचिव दिलीप मोहंती ने बताया कि आज की बैठक में कई मुद्दों को खारिज कर दिया गया, क्योंकि दुर्गा पूजा उन त्योहारों में से एक है, जिसमें लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. उन्होंने बताया कि फैसले के अनुसार दुर्गा पूजा का आयोजन छोटे पैमाने पर किया जायेगा, लेकिन सभी विधि-विधान, अनुष्ठानों का पालन किया जाएगा. पूजा के लिए कोई विशाल पंडाल नहीं बनेगा और ना ही सार्वजनिक दर्शन या घर-घर चंदन संग्रह होगा. उन्होंने बताया कि छोटे पैमाने पर पूजा के आयोजन करने के लिए हर साल की बजट से 80-90 फीसदी तक की कमी आयेगी. बैठक में पूजा समितियों ने शहर कोविद-19 प्रबंधन में संस्थागत और अन्य संबंधित मुद्दों के साथ शहर में डोर-टू-डोर स्वच्छता अभियान चलाने में मदद करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि कोई विसर्जन समारोह नहीं होगा. हमने सोशल मीडिया पर षष्ठी से सभी अनुष्ठानों के लाइव टेलीकास्ट का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा कई अन्य मुद्दों जैसे कि मूर्तियों की ऊंचाई क्या होगी और कितने लोगों को अनुमति दी जाएगी, इस पर बाद में चर्चा की जाएगी.

मंत्री अशोक पंडा ने बताया कि लगभग 10 से 15 प्रस्ताव आए थे और बैठक में मूर्तियों की एक मानक ऊंचाई तय करने, मंडपों में व्यक्तियों की संख्या को सीमित करने और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई थी. कमिश्नरेट पुलिस फिर से एक समीक्षा करेगी तथा दुर्गा पूजा व अन्य आगामी त्योहारों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी. अनुमति देने के लिए एकल-खिड़की प्रणाली की प्रणाली हमेशा की तरह जारी रहेगी.

मंडप में मूर्ति की उच्चता 4 से 5 फुट के बीच रहेगी. मंडप में माइक नहीं बजाया जा सकेगा. मंत्रोच्चार माइक के जरिये हो या न हो इस संबंध में बाद में निर्णय किया जाएगा. रावण दहन व विसर्जन उत्सव नहीं होगा. सादे तरीके से मूर्ति विसर्जन किया जाएगा.

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