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मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
भुवनेश्वर. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को बंगाल की खाड़ी में उत्तर की ओर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई और कल तक पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है. इससे ओडिशा में भारी वर्षा की संभावना जतायी गयी है. आईएमडी के अनुसार, एक चक्रवाती परिसंचरण बंगाल के उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और पड़ोस में स्थित है. इसके प्रभाव में एक कम दबाव का क्षेत्र 9 अगस्त तक उत्तर और आस-पास के पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है. इधर, मानसून की एक गर्त बीकानेर, सीकर, दिल्ली, बदायूं, लखनऊ, बक्सर, बोकारो, कोलकाता से होकर दक्षिण-पूर्व में बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी में जाती है. इसके प्रभाव में ओडिशा के अधिकांश जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है. अगले 24 घंटों में जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, पुरी, मयूरभंज, कलाहांडी, बलांगीर, बरगढ़, बौध, कंधमाल और कोरापुट जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है.
इसके दूसरे दिन कंधमाल, कलाहांडी, नवरंगपुर, कोरापुट और गजपति जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. रायगड़ा, मालकानगिरि, गंजाम, बलांगीर और बरगढ़ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है.
तीसरे दिन मालकानगिरि, कोरापुट, बलांगीर, नवरंगपुर, कलाहांडी, कंधमाल और नुआपाड़ा जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. कलाहांडी, नवरंगपुर और कोरापुट के जिलों में एक या दो स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. इसके अलावा, रायगड़ा, नयागढ़, बौध, गजपति और बरगढ़ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है.
चौथे दिन मालकानगिरि, कोरापुट, नवरंगपुर और नुआपड़ा जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी वर्षा हो सकती है. साथ ही कलाहांडी, कंधमाल, बलांगीर, सोनपुर, बौध और संबलपुर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है.
इसी तरह पांचवें दिन बरगढ़, संबलपुर, सोनपुर, अनुगूल, ढेंकानाल, केंदुझर, देवगढ़, नबरंगपुर, कलाहांडी, कंधमाल और बौध जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है.
उत्तर की ओर कम दबाव के क्षेत्र के गठन और बंगाल की पश्चिम मध्य खाड़ी से सटे होने और मॉनसून के मजबूत होने के कारण पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है. इसलिए मछुआरों को सलाह दी गयी है कि वे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र के क्षेत्र में न जाएं.