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राज्य सरकार और बीएमसी की व्यवस्थ की खुली कलई
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बुलाने पर भी नये आया एंबुलेंस, परिवार के सदस्यों की सुध नहीं ले रहा प्रशासन
भुवनेश्वर. कोरोना के भय पर आज दोस्ती भारी पड़ी. संक्रमण की परवाह किये गये बिने एक दोस्त ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपने दोस्त को स्कूटर से अस्पताल पहुंचा. बताया जाता है कि बार-बार फोन करने पर भी एंबुलेंस नहीं आया. इसलिए हालत बिगड़ती देख दोस्त ने अपने दोस्त को स्कूटर से भुवनेश्वर एम्स में ले जाकर भर्ती कराया. इससे राज्य सरकार और भुवनेश्वर नगर निगम की ओर से व्यवस्थाओं की कलई खुल गयी है.
कल ही मुख्यमंत्री ने कोविद अस्पतालों और केयर सेंटरों के लिए 20.64 करोड़ की मंजूरी दी है. इससे पहले भी कई अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए और अस्पताल में व्यवस्थाओं के लिए पांच सौ करोड़ रुपये सरकार दे चुकी है, लेकिन आज की घटना ने सरकार की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है. आज की घटना भुवनेश्वर के पात्रपड़ा इलाके की है. जानकारी के मुताबिक, पात्रपडा निवासी पाजिटिव युवक के पड़ोसी बिमलेंदु प्रधान ने कहा कि उसका दोस्त एक भयानक स्थिति में था और लंबे समय तक नहीं रह सकता था. मैंने एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए मैंने उसे अपने स्कूटर पर ले जाने का फैसला किया.
प्रधान ने कहा कि मरीज के संपर्क में आने के बावजूद न तो उनका और न ही उनके परिवार का कोरोना को लेकर जांच की गयी है. मैंने 104 हेल्पलाइन पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कॉल डायवर्ट आ रहा था. इधर, मरीज की पत्नी प्रतिमा मुदुली ने कहा कि वह अपने बेटे, बेटी और चाची के साथ घर में संगरोध में है. मैंने अब तक किसी से भी संपर्क नहीं किया है. हालांकि, हममें से किसी के पास कोई लक्षण नहीं है, हम डर में जी रहे हैं. प्रतिमा ने बताया कि उनके पति अपने काम के सिलसिले में कटक और अन्य स्थानों पर गए थे.
बुधवार को बुखार और शरीर में गंभीर दर्द की शिकायत की. जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तो हमने कोविद जांच कराने का फैसला किया. सोमवार को रिपोर्ट पाजिटिव आयी. इधर बीएमसी कमिश्नर प्रेम चंद्र चौधरी ने कहा मरीज का इलाज एम्स में चल रहा है और हमने संपर्क करना शुरू कर दिया है. संपर्क में आने वाले लोगों और परिवार के सदस्यों की कोविद जांच की जायेगी.