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ओडिशा सरकार ने जारी की अधिसूचना
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हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई की समाप्त
भुवनेश्वर। ओडिशा पुलिस उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में सोमवार को औपचारिक अधिसूचना जारी की है। इस निर्णय की जानकारी एडवोकेट जनरल पीताम्बर आचार्य ने ओडिशा हाईकोर्ट को दी। अधिसूचना के जारी होने के बाद हाईकोर्ट ने अधिवक्ता शिवशंकर मोहंती द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया, जिसमें इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी।
इस मामले की प्रारंभिक जांच ओडिशा क्राइम ब्रांच कर रही थी, क्योंकि परीक्षा से पहले ही बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। अब तक 123 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 114 अभ्यर्थी शामिल हैं। यह घोटाला कथित तौर पर एक अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसने परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित किया था।
याचिकाकर्ता ने यह भी सवाल उठाया था कि जब ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) के अधिकारी ही संदेह के घेरे में हों, तो क्राइम ब्रांच का एक डीएसपी अपने से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से निष्पक्ष पूछताछ कैसे कर सकता है। इस संदर्भ में सीबीआई जांच की मांग को उचित ठहराते हुए उन्होंने कहा कि 1.53 लाख अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था और पहले से 114 अभ्यर्थी गिरफ्तार हो चुके हैं, जो मामले की गंभीरता को दर्शाता है।
राज्य सरकार के सीबीआई जांच के आदेश के बाद अब यह मामला एक बड़े मोड़ पर पहुंच गया है। इस कदम से न केवल पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होने की उम्मीद है, बल्कि घोटाले की पूरी सच्चाई सामने आने की संभावना भी प्रबल हो गई है।
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