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आईएचएम भुवनेश्वर में हिंदी पखवाड़ा 2025 का समापन

  •     कवि सम्मेलन “हास्य सुरभि ने बांधा समां

  •     विजेताओं को मिला सम्मान

भुवनेश्वर। होटल प्रबंधन, खानपान प्रौद्योगिकी तथा अनुप्रयुक्त पोषाहार संस्थान (आईएचएम), भुवनेश्वर में शुक्रवार को हिंदी पखवाड़ा 2025 के समापन समारोह और कवि सम्मेलन “हास्य सुरभि का भव्य आयोजन हुआ। 15 से 26 सितंबर तक आयोजित इस पखवाड़े का उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देना तथा विद्यार्थियों और कर्मचारियों में हिंदी के प्रति प्रेम और जागरूकता पैदा करना था।

कार्यक्रम का आरंभ अपराह्न 2:30 बजे संस्थान के मुख्य सभागार में हुआ। मंच संचालन की जिम्मेदारी अविनाश दाश और डॉ श्रेया प्रसाद ने निभाई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिससे सभागार में एक गरिमामय वातावरण बना।

प्राचार्य प्रभारी संबित सुमन ने मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदी केवल संचार की भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विविधता की सशक्त अभिव्यक्ति है। उन्होंने संस्थान की ओर से हिंदी के प्रसार के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने का आश्वासन दिया।

राजभाषा कर्मवीर सम्मान से तीन सम्मानित

समारोह के मुख्य अतिथि आदित्य कुमार पंडा, प्रधानाचार्य, केवी-1 भुवनेश्वर, प्रसिद्ध कवि एवं हिंदी लेखक किशन खंडेलवाल और वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कुमार तिवारी राजभाषा कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया गया।

विद्यार्थी प्रतियोगिताओं के विजेता हुए सम्मानित

हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे हिंदी निबंध लेखन, शब्द प्रतियोगिता, आशु भाषण और परिचर्चा में विजेता रहे विद्यार्थियों को मंच पर सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण के दौरान विद्यार्थियों के उत्साह और उल्लास ने समारोह को और जीवंत बना दिया।

कवि सम्मेलन में हंसी की बौछार

समारोह का सबसे आकर्षक और प्रतीक्षित हिस्सा रहा कवि सम्मेलन “हास्य सुरभि। इस सम्मेलन की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि किशन खंडेलवाल ने की, जबकि संचालन की भूमिका विक्रमादित्य सिंह ने निभाई। कवि सम्मेलन में आशीष कुमार विद्यार्थी, विनोद कुमार, अविनाश दाश और कुमार गौरव ने अपनी हास्य और व्यंग्य रचनाओं से सभागार में उपस्थित श्रोताओं को खूब हंसाया। कवियों के चुटीले अंदाज और शब्दों की तीक्ष्णता ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हिंदी सांस्कृतिक एकता की डोर

प्राचार्य प्रभारी संबित सुमन ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों और कर्मचारियों को हिंदी के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा और राजभाषा का सम्मान करना हमारी सांस्कृतिक जिम्मेदारी है। मुख्य अतिथियों ने हिंदी को सांस्कृतिक एकता की डोर बताते हुए कहा कि यह भाषा भारत की विविधता को जोड़ने वाली शक्ति है। उन्होंने तकनीकी और व्यवसायिक क्षेत्रों में भी हिंदी के बढ़ते महत्व पर बल दिया और विद्यार्थियों से हिंदी भाषा को अपनाने का आग्रह किया।

गतिविधियों से सजा हिंदी पखवाड़ा

हिंदी पखवाड़ा 2025 के दौरान संस्थान में कई गतिविधियों का आयोजन हुआ। 14 सितंबर को गांधीनगर से आयोजित राष्ट्रीय हिंदी दिवस सम्मेलन का सीधा प्रसारण संस्थान के सोशल मीडिया मंचों पर किया गया। 16 से 20 सितंबर तक हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, जिसने विद्यार्थियों और कर्मचारियों को हिंदी साहित्य के प्रति प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त “राजभाषा-एक राष्ट्र, एक भाषा विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता, “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान थीम पर युवा संसद, शब्द प्रतियोगिता, परिचर्चा, लघु फिल्म निर्माण, आशु भाषण और स्टैंड-अप कॉमेडी जैसे आयोजन हुए। इन गतिविधियों ने पखवाड़े को यादगार बना दिया। समारोह का समापन शाम 5:40 बजे धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। हिंदी अधिकारी ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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