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महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा ने दिये सोना वेश में दर्शन

  • पुरी जिले के सभी प्रवेशद्वार रहे सील

  • भक्तों ने घरों से टीवी पर किये देवों के दर्शन

पुरी. पुरीधाम में अपने घर को लौटे महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा ने आज अपने-अपने रथों को सोना वेश में भक्तों को दर्शन दिये. हालांकि कोरोना संकट के बीच सुप्रीट कोर्ट के निर्देशानुसार यहां भक्तों को आने की अनुमति नहीं दी गयी थी. महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा को सोना वेश में भक्तों ने घरों से ही टेलीविजन के माध्यम से दर्शन किये.

श्रीमंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, रथों पर सुबह 6.00 से 6.30 बजे मंगल आरती, 7.00 से 7.15 बजे तक मयलम तड़प लागी, 7.20 बजे से 8.00 बजे तक अवकाश, 8.00 से 8.15 तक पुष्प वेश, 9.20 बजे गोपालबल्लभ भोग नीति, दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक सकाल धूप भोग की नीतियां संपन्न की गयीं. इसके बाद में श्रीमंदिर प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और सेवायतकों की तरफ से सतर्कता पूर्वक सोना वेश की तैयारियां शुरू हुईं. अपराह्न 4.00 बजे भंडारमेकाप सेवायत रत्न भंडार खोलकर अधिकारियों की मौजूदगी में अलंकारों को निकालकर रथों तक लाये.

इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था थी. रथों पर पहले से उपस्थित मेकाप सिंहारी, भीतरुछ समुदाय के सेवायत व दइतापति सेवायतों ने सामूहिक रूप से मिलकर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के श्रृंगार करना शुरू किये. शाम सात बजे तक सबको सजा दिया गया. इस दौरान महाप्रभु को श्रीभुज, श्रीपैर, किरट, छोबाकंठी, हरड़ माला, तुलसी माला, घाघरा माला, कमर पट्टी, थ्रीखंडिका, तड़की, झुम्पा और हल मूसल, शंख,चक्र से देवों को सजाया गया. यह पावन दृश्य भक्तों ने घरों में रहकर दर्शन किये.

इसके लिए श्रीमंदिर के चारों तरफ के रास्ते, बड़दांड के श्रीमंदिर से नगरपालिका बाजार तक संपूर्ण रूप से सील कर दिया गया था. साथ ही शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों और गलियों को, ब्रह्मगिरि, सातपड़ा के रास्ते, मुख्य मार्ग मंगला घाट, भुवनेश्वर को जोड़ने मुख्य मार्ग पर अठारहनाला में, मालतीपाटपुर तथा हरेकृष्णपुर तथा कोणार्क मार्ग के ग्रीड चौक को पूरी तरह से सील कर दिया गया था.

इन रास्ते से किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया गया. इसके जिला प्रशासन ने पहले ही घोषित कर दिया था कि पुरी में शटडाउन के बीच महाप्रभु नीतियां आयोजित होंगी. हालांकि इस दौरान आवश्यक आपूर्ति तथा स्वास्थ से संबंधित लोगों को आने-जाने की अनुमति प्रदान की गयी थी. रथयात्रा में शामिल पदाधिकारियों या अधिकारियों, जिन्हें विशेष पास जारी किया गया था, उनको प्रवेश की छूट थी.

सोना वेश के मौके पर श्री जियर स्वामी मठ की तरफ से विशेष फल-फूल भोग रथों के सामने चढ़ाये गये.

हर साल आते थे 15 लाख श्रद्धालु

सोना वेश में महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के दर्शन के लिए हर साल सामान्य परिस्थित में 15 लाख श्रद्धालु पुरी में आते थे, लेकिन इस साल कोरोना के कारण सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी लगाते हुए बड़ी मुश्किल से भक्त विहीन रथयात्रा के सभी नीतियों को आयोजित करने की अनुमति प्रदान की है. इस कारण भक्तों को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी थी. इस कारण श्रद्धालुओं की तरफ से चढ़ने वाला चूड़ाघसा भोग बंद रहा. सिर्फ सेवायतों ने सामान्य रूप से विधि को पूरा किया.

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