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42 वाहन और बैंक खाते जब्त
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चक्र से पूछताछ के बाद अपराध जांच विभाग ने की कार्रवाई
भुवनेश्वर। ओडिशा में बहुचर्चित परिवहन घोटाले और खनन अनियमितताओं के मामले में बीजू युवा जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष सौम्य शंकर चक्र उर्फ राजा चक्र को क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। एक दिन पहले ओडिशा हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने उनके चार सहयोगियों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी।
अब तक राजा चक्र के 42 वाहन और दो स्क्रीनिंग प्लांट जब्त किए जा चुके हैं। आर्थिक जांच के दौरान कई बैंक खातों को फ्रीज किया गया, जिनमें करीब 25 लाख रुपये की राशि को जब्त किया गया है। फिलहाल राजा चक्र से पूछताछ जारी है और पूरे रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की संलिप्तता की जांच की जा रही है।
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब एक मुखबिर ने खनन और लौह अयस्क की लोडिंग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की सूचना दी। आरोपों के अनुसार, लोडिंग के लिए अधिक शुल्क वसूला जा रहा था और मुनाफे का बड़ा हिस्सा राजा चक्र के करीबी लोगों को दिया जाता था।
500 करोड़ रुपये तक का घोटाला
यह जांच एक बड़े घोटाले का हिस्सा है, जिसकी अनुमानित राशि 500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इसी सिलसिले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कई स्थानों पर छापेमारी की और 3 मार्च को राजा चक्र से 11 घंटे तक गहन पूछताछ की थी।
लोडिंग एजेंसी ने लगभग 185 करोड़ कमाए
अपराध जांच विभाग (सीआईडी), अपराध शाखा के अतिरिक्त डीजीपी विनयतोष मिश्र ने कहा कि चक्र से पूछताछ की गई और घोटाले में उनकी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा गया और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एडीजीपी ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि लोडिंग एजेंसी ने 2017-18 से 24 मार्च तक लगभग 185 करोड़ रुपये कमाए थे। जांच में यह भी पता चला कि सहकारी समिति के अध्यक्ष और सचिव, मानस बारिक और उत्कल दास ने कुछ अन्य स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों की मदद से भारी रकम की धोखाधड़ी की थी। उन्होंने कहा कि हालांकि विकास के नाम पर 34 करोड़ रुपए तो ले लिए गए, लेकिन कोई काम नहीं हुआ।
बिना पेट्रोल लिये ही पंप को 9.1 करोड़ दिए
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसी तरह 9.1 करोड़ रुपये ले लिये गए और एक पेट्रोल पंप को भुगतान कर दिया गया। इस पेट्रोल पंप ने जीएमएल को कोई ईंधन आपूर्ति नहीं की थी, बल्कि वह सौम्य शंकर चक्र नामक व्यक्ति के वाहनों को ईंधन आपूर्ति कर रहा था, जिसका भुगतान जीएमएल द्वारा किया जा रहा था। इसमें कहा गया है कि जांच में यह भी पता चला कि लगभग 33 करोड़ रुपये उन स्थानीय ग्रामीणों को वितरित किए गए, जिन्हें सहकारी समिति का सदस्य माना जाता है।
‘मस्टर रोल’ और ‘वाउचर’ में भारी अंतर
अपराध शाखा के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह भी पाया गया कि लगभग 74 करोड़ रुपये लदान शुल्क और श्रम भुगतान के रूप में दिखाए गए हैं। संबंधित ‘मस्टर रोल’ और ‘वाउचर’ में भारी अंतर दिखाई देता है। इस अवधि का ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है, जिसके बाद विस्तृत गबन का पता चल सकेगा। ‘मस्टर रोल’ एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसमें किसी संगठन के कर्मचारियों की उपस्थिति और काम से जुड़ी जानकारी होती है। ‘वाउचर’ भुगतान का रिकॉर्ड होता है। बयान में कहा गया है कि यह भी सूचित किया जाता है कि सोसाइटी ने 2012 और 2013 के बाद से कोई ऑडिट नहीं कराया है।
सोसाइटी से जुड़े नहीं थे, लेकिन सब कुछ वही तय करते थे
इसमें यह भी कहा गया है कि हालांकि चक्र कागजों पर सोसाइटी से जुड़े नहीं थे, लेकिन वह अपने समर्थकों सदाशिव सामल, सुधांशु शेखर नाइक और समीर जेना के माध्यम से शर्तें तय कर रहे थे। बयान में कहा गया है कि अभी तक अपराध शाखा ने राजा चक्र के 42 वाहन जब्त किए हैं। वित्तीय जांच के आधार पर कई बैंक खातों पर रोक लगा दी गई है।