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रत्नभंडार का हिसाब व सूचीकरण 2025 जनवरी तक होने की संभावना
भुवनेश्वर। ओडिशा के कानून मंत्री प्रथ्वीराज हरिचंदन ने पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत कार्य को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए घोषणा की कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा रत्न भंडार की मरम्मत का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान जगन्नाथ के सभी बहुमूल्य आभूषणों, जिनमें सोना और अन्य गहनों का हिसाब भी शामिल है, का सूचीकरण जनवरी 2025 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कानून मंत्री ने स्पष्ट किया कि रत्न भंडार की मरम्मत कार्य समाप्त होने के बाद ही आभूषणों की गिनती शुरू की जाएगी।
परंपरा और नियमों के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के आभूषणों का सूचीकरण रत्न भंडार के बाहर नहीं किया जा सकता। फिलहाल, सभी आभूषणों को अस्थायी कक्ष में सुरक्षित रूप से रखा गया है, जिसे जुलाई में रत्न भंडार के खोले जाने के बाद तैयार किया गया था।
हरिचंदन ने कहा कि हम एएसआई से मरम्मत कार्य पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सूचीकरण का कार्य जनवरी 2025 तक समाप्त हो जाएगा। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे में शामिल विशेषज्ञों के साथ की गई प्रारंभिक चर्चा के अनुसार, बाहरी और आंतरिक भंडार में कोई गुप्त कक्ष या सुरंग नहीं पाए गए हैं।
मेघनाथ सीमा में दरारों को लेकर कानून मंत्री ने यह घोषणा की कि बुधवार को इसका पुनः मूल्यांकन किया जाएगा।