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पुरी रत्न भंडार फिर खुलेगा 18 जुलाई को

  • शुभ मुहूर्त पर सुबह 9.51 से 12.15 के बीच खोल जाएगा : न्यायमूर्ति रथ

  • आभूषण और कीमती सामान को स्थानांतरित किया जाएगा

  • सभी प्रक्रिया की होगी वीडियोग्राफी

पुरी। श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार फिर 18 जुलाई को खोला जायेगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने मंगलवार को कहा कि रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष बृहस्पतिवार को फिर खोला जाएगा, ताकि आभूषणों को मंदिर में स्थित अस्थायी कोषागार में स्थानांतरित किया जा सके।

यह निर्णय मंगलवार को यहां एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी, रत्न भंडार को खोलने के दौरान देखरेख के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ, पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वाईं और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक के दौरान लिया गया। रत्न भंडार को 46 वर्षों के बाद रविवार को बहुमूल्य वस्तुओं की सूची बनाने और इसकी संरचना की मरम्मत के लिए पुनः खोला गया था।

बैठक के बाद न्यायमूर्ति रथ ने संवाददाताओं से कहा कि हम 18 जुलाई को सुबह नौ बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट के बीच फिर से ताले खोलेंगे और भीतरी रत्न भंडार में प्रवेश करेंगे। आंतरिक कक्ष में रखे मूल्यवान सामान को अस्थायी भंडार कक्ष में स्थानांतरित कर दिया जाएगा और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सदस्य इसकी संरचनात्मक मजबूती का भी आकलन करेंगे। पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि चूंकि सभी बक्सों को स्थानांतरित करना व्यावहारिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण है, इसलिए इन बक्सों में रखे कीमती सामान और आभूषणों को मंदिर परिसर में स्थापित अस्थायी कोषागार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि इस अस्थायी कोषागार में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

पाढ़ी ने कहा कि एसजेटीए ने श्रद्धालुओं से रत्न भंडार फिर से खोले जाने के दौरान 18 जुलाई को मंदिर में प्रवेश पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का पालन करने की अपील की है।

टीम ने आंतरिक कक्ष के अंदर संदूक और अलमारियां देखीं, लेकिन ‘बहुड़ा यात्रा’ (15 जुलाई) और ‘सोना वेश’ (17 जुलाई) के आयोजनों के कारण आभूषणों को निर्दिष्ट कक्ष में स्थानांतरित करने का कार्य सर्वसम्मति से स्थगित करने का निर्णय लिया।

न्यायमूर्ति रथ ने बताया कि बाहरी कक्ष से कीमती सामान को पहले ही मंदिर स्थित अस्थायी भंडार कक्ष ले जाया जा चुका है।

एएसआई आंतरिक कक्ष का निरीक्षण करेगा

पाढ़ी ने कहा कि आभूषणों को बाहर ले जाने के बाद एएसआई आंतरिक कक्ष का निरीक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि एएसआई को आंतरिक कक्ष की चाबियां नहीं दी जाएंगी। इसे मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार खोला जाएगा।

नए संदूकों में सामग्री होगी स्थानांतरित

न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि चूंकि संपूर्ण ‘अलमारियों’ और संदूकों को स्थानांतरित करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक जनशक्ति लगेगी, इसलिए संदूकों और अलमारियों के अंदर की सामग्री (मूल्यवान वस्तुएं, आभूषण आदि) को खरीदे गए नए संदूकों में स्थानांतरित किया जाएगा।

चाबियां किसी काम की नहीं

एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने आज दोहराया कि रत्न भंडार के खोलने के पहले दिन जो चाबियां दी गई थीं, वे ताले खोलने में काम नहीं आईं। पाढ़ी के अनुसार, तीन ताले थे, एक सीलबंद था और दो अन्य सीलबंद नहीं थे। हालांकि, दोनों बंद थे।

नए ताले लगाए गए

एसओपी के अनुसार, पुराने ताले तोड़ दिए गए हैं और दो नए ताले लगाए गए हैं। पाढ़ी ने बताया कि चाबियां राजकोष में जमा कर दी गई हैं।

गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी

रत्न भंडार निगरानी समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ और मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने मंगलवार को बताया कि गुरुवार को भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश को लेकर पाबंदी रहेगी।

उन्होंने बताया कि समिति के सदस्य सुबह नौ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश करेंगे। सुबह करीब आठ बजे मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाएगी। उस समय आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रवेश पर पाबंदी रहेगी।

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