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जगतसिंहपुर के तिर्तोल में दलित लड़की के साथ दुष्कर्म मामले को लेकर विधानसभा में हंगामा

भुवनेश्वर – जगतसिंहपुर जिले के तिर्तोल में एक दलित लड़की के साथ दुष्कर्म व पीड़िता की आत्महत्या करने तथा प्रशासन इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई न करने का मुद्दा विधानसभा में उठा। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर को उद्धृत करते हुए कहा कि यदि यह खबर सही है, तो मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह निर्देश दें ताकि इस मामले में मुख्यमंत्री सदन में बयान दें। विधानसभा अध्यक्ष के इस संबंध में रुलिंग न देने के कारण विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया। इस कारण प्रथमार्ध में विधानसभा अध्यक्ष ने तीन बार सदन को स्थगित किया। शून्यकाल में श्री मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सदन में बयान देते हुए शुक्रवार को कहा था कि महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। यानी महिलाओं के उत्पीड़न संबंधी मुद्दों को विपक्ष नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जगतसिंहपुर जिले के तिर्तोल में एक दलित लड़की के साथ उसके माता पिता के सामने दुष्कर्म किया गया और लड़की ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस व प्रशासन ने पीड़िता के परिवार की बात को नहीं सुना। पूर्व मंत्री तथा स्थानीय विधायक एवं  बीजद अनुसूचित जातिसेल के अध्यक्ष बिष्णु चरण दास ने इस घटना को शर्मनाक बताया है तथा इसे सभ्य समाज के प्रति धब्बा कहा है। उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ पार्टी के विधायक इस महिला उत्पीड़न के मामले को उठा रहे हैं। क्या वह राजनीति नहीं कर रहे हैं। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने कहा कि शून्यकाल में अनेक विधायकों को अपनी बात रखनी है। इसलिए सभी को समय दिया जाना चाहिए। इसको लेकर श्री मिश्र व विधानसभा अध्यक्ष श्री पात्र के बीच बहस हुई। विपक्षी विधायकों ने भी विधानसभा अध्यक्ष का विरोध किया। श्री मिश्र ने कहा कि इससे बड़ा संवेदनशील घटना कोई हो नहीं सकती। श्री मिश्र ने इस मुद्दे को उठाने के साथ-साथ इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि वह मुख्यमंत्री से सदन में बयान देने के लिए रुलिंग प्रदान करें, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में कोई रुलिंग प्रदान नहीं किया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से रुलिंग की मांग करते हुए हंगामा किया। इस हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

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