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ODISHA ASSEBMLY AND GENERAL ELECTION ओडिशा में चुनाव में जीत से ज्यादा अस्तित्व की लड़ाई

ओडिशा में चुनाव में जीत से ज्यादा अस्तित्व की लड़ाई

  • बिछ गयी जोड़-तोड़ की बिसात, होगा महामुकाबला

  • बीजद के बर्चस्व को तोड़ने की जुगत में भाजपा, आर-पार की लड़ाई को सभी तैयार

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।

ओडिशा में चुनाव में इस बार का लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीत से ज्यादा अस्तित्व की लड़ाई में तब्दील हो गया है। साल 2014 से उठी मोदी लहर के बाद भारतीय जनता पार्टी ओडिशा में वोट प्रतिशत के मामले में लगतार बढ़ती जा रही है। इस बार कई ऐसे मुद्दे हैं, जो चुनावी हार-जीत को अस्मिता की हार-जीत में बदल रहे हैं। दिग्गजों के साथ-साथ विरासत और बेटियों के अस्तित्व दांव पर लगे हैं।

ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ हो रहे विधानसभा चुनाव में जोड़-तोड़ की बिसात बिछ गयी है। राज्य में सत्तारूढ़ दल बीजू जनता दल (बीजद) अपने बर्चस्व को कायम रखने के लिए प्रयासरत, जबकि भाजपा इसके 25 साल पुराने किले को तोड़ने की जुगत में लगी है। कांग्रेस अपनी जमीन तलाश रही है। बीजद और भाजपा के बीच गठबंधन के प्रयास विफल होने के बाद राज्य में चुनाव में महामुकाबला देखने को मिल रहा है।

राज्य में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं तथा विधानसभा में कुल 147 सीटें हैं। अभी तक बीजद ने लोकसभा की 21 सीटों में से 21 सीटों के लिए, भाजपा ने 21 सीटों के लिए और कांग्रेस ने 20 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस ने मयूरभंज से एक सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए छोड़ी है, जहां अंजनी सोरेन (शिबू सोरेन की बेटी) मैदान में है।

राज्य की कुल 21 में 2019 के चुनाव में बीजद ने 12, भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। साल 2014 में बीजद ने 20 और भाजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी।

आक्रमक हैं भाजपा-बीजद

गठबंधन के प्रयासों के विफल होने के बाद भाजपा और बीजद ने दोनों आक्रमक रूख अख्यितार कर लिया है। दोनों पार्टियों में जमकर सेंधमारी हुई है। काफी संख्या में दिग्गज नेताओं ने दलबदल किया है। जहां तक सवाल जिला स्तर की है, ऐसे नेताओं ने भी मौका हासिल करने के लिए दलबदल किया है।

कांग्रेस जमीन की तलाश में

मोदी लहर के बाद लड़खड़ाई कांग्रेस पार्टी ओडिशा में भी अपनी जमीन की तलाश कर रही है। पार्टी को फंड की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है और वे दूसरे दलों में चले गये हैं। कांग्रेस के अंदर पहले ही खेमाबाजी चल रही थी, जिसे दावा किया जा रहा है कि अब सबकुछ ठीक हो गया है।

बाहरी वाला सबसे बड़ा मुद्दा

इस बार के चुनाव में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) अपने मुखिया नवीन पटनायक के 25 सालों के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर चुनावी मैदान में उतरी है, वहीं भाजपा इन 25 सालों को कुशासन का काल करार दे रही है। भाजपा के चुनावी मुद्दे में नौकरशाह से नेता बने तथा बीजद में दूसरे नंबर के नेता वीके पांडियन की कार्यशैली, राज्य में कथित भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, राज्य से युवाओं का पलायन, खनन दुर्नीति, चिटफंड घोटाला जैसे विषय शामिल हैं। विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने पांडियन को लेकर बाहरी वाला को बड़ा मुद्दा बनाया है।

कलाहांडी सीट

भाजपा: मालविका केशरी देव

बीजू जनता दल (बीजद) : लंबोदर निआल

कांग्रेस:  द्रौपदी माझी

ब्रह्मपुर (गंजाम)

भाजपा: प्रदीप कुमार पाणिग्राही

बीजू जनता दल (बीजद) : भृगु बक्शीपात्र

कांग्रेस: रश्मिरंजन पटनायक

निर्दलीय: वी. चंद्रशेखर नायडू

कोरापुट

भाजपा: कालेराम माझी

बीजू जनता दल (बीजद) : कौशल्या हिकाका

कांग्रेस: सप्तगिरी उलाका

नवरंगपुर

भाजपा: बलभद्र माझी

बीजू जनता दल (बीजद) : प्रदीप माझी

कांग्रेस: भुजबल माझी

बरगढ़ 

भाजपा: प्रदीप पुरोहित

बीजू जनता दल (बीजद) : परिणिता मिश्र

कांग्रेस: संजय भोई

सुंदरगढ़

भाजपा: जुएल ओराम

बीजू जनता दल (बीजद) : पूर्व कप्तान दिलीप तिर्की

कांग्रेस:  जनार्दन देहुरी

बलांगीर

भाजपा: संगीता कुमारी सिंहदेव

बीजू जनता दल (बीजद) : सुरेन्द्र सिंह भोई

कांग्रेस:  मनोज मिश्रा

कंधमाल

भाजपा: सुकांत पाणिग्राही

बीजू जनता दल (बीजद) : अच्युतानंद सामंत

कांग्रेस:  अमिर चंद नायक

आस्का

भाजपा: अनिता शुभदर्शिनी

बीजू जनता दल (बीजद) : रंजीता साहू

कांग्रेस:  देवकांत शर्मा

संबलपुर

भाजपा: धर्मेंद्र प्रधान

बीजू जनता दल (बीजद) : प्रणव प्रकाश दास

कांग्रेस:  नगेन्द्र प्रधान

केंदुझर

भाजपा: अनंत नायक

बीजू जनता दल (बीजद) : धनुर्जय सिद्धु

कांग्रेस:  विनोद बिहारी नायक

ढेंकानाल

भाजपा: रूद्रनारायण पाणि

बीजू जनता दल (बीजद) : अविनाश सामल

कांग्रेस:  सस्मिता बेहरा

कटक 

भाजपा: भर्तृहरि महताब

बीजू जनता दल (बीजद) : संतृप्त मिश्र

कांग्रेस: घोषणा नहीं

पुरी   

भाजपा: संबित पात्र

बीजू जनता दल (बीजद) : अरुप पटनायक

कांग्रेस: श्रीमती सुचित्रा मोहंती

भुवनेश्वर

भाजपा: अपराजिता षाड़ंगी

बीजू जनता दल (बीजद) : मन्मथ राउतराय (कांग्रेस से आए)

कांग्रेस: यासिर नवाज

मयूरभंज

भाजपा: नवचरण माझी

बीजू जनता दल (बीजद) : मंत्री सुदाम मरांडी

कांग्रेस और जेएमएम: अंजनी सोरेन

बालेश्वर

भाजपा: प्रताप चंद्र षाड़ंगी

बीजू जनता दल (बीजद) : लेखाश्री सामंतसिंहार

कांग्रेस:  श्रीकांत जेना

भद्रक 

भाजपा: अभिमन्यु सेठी

बीजू जनता दल (बीजद) : मंजूलता मंडल

कांग्रेस: अनंत प्रसाद सेठी

जाजपुर

भाजपा: रवींद्र नारायण बेहरा

बीजू जनता दल (बीजद) : शर्मिष्ठा सेठी

कांग्रेस:  अंचल दास

केंद्रापड़ा

भाजपा: बैजयंत जय पंडा

बीजू जनता दल (बीजद) : अंशुमान मोहंती (कांग्रेस से आए)

कांग्रेस:  सिद्धार्थ स्वरूप दास

जगतसिंहपुर   

भाजपा: विभु प्रसाद तराई

बीजू जनता दल (बीजद) : राजश्री मल्लिक

कांग्रेस: रवींद्र कुमार सेठी

बीजद और भाजपा का फोकस

ओडिशा में चुनाव में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल अपने पिछले रिकॉर्ड को कायम रखने के लिए प्रयासरत है, जबकि भाजपा उसके किले को ढाहने में जुटी है। हालांकि कहा जाता है कि बीजद भाजपा के काफी करीब रही है और हर मौके पर लोकसभा और राज्यसभा में साथ दिया है। इसलिए मोदी भी ओडिशा पर फोकस देते हैं। यहां बीजद को यह साफ पता है कि यदि सीटों पर कब्जा रहा तो उसकी पूछ हमेशा रहेगी और सम्मान मिलता रहेगा। इसलिए बीजद अपना दबदबा कायम रखने में जुटी है। ठीक इसके विपरीत भाजपा आक्रामक रूप है। मोदी लहर के बाद ओडिशा के वोट प्रतिशत में आयी उल्लेखनीय वृद्धि को भुनाने में जुटी है। भाजपा की निगाहें लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा की जादुई सीट के आंकड़ों पर भी टिकाई हुई है।

ओडिशा में चुनाव में विरासत मैदान में   

नेताओं के बेटे हैं चुनावी मैदान

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरसिंह मिश्र के राजनीति से संन्यास लेने के बाद पार्टी ने उनके बेटे समरेंद्र मिश्र को बलांगीर विधानसभा सीट से विधायक उम्मीदवार बनाया है।
  • पांच बार के विधायक जोगेंद्र बेहरा के बेटे निहार रंजन बेहरा को बीजद ने लोईसिंघा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है।
  • भाजपा नेता और कलाहांडी के मौजूदा सांसद बसंत पंडा के बेटे अभिनंदन पंडा को नुआपड़ा विधानसभा सीट से टिकट दिया है।
  • बीजद के दिग्गज नेता एयू सिंहदेव के राजनीति से संन्यास लेने के बाद उनके बड़े बेटे और दो बार के सांसद कलिकेश सिंहदेव को बलांगीर विधानसभा सीट से बीजद का टिकट दिया गया है।
  • कांग्रेस ने भवानीपाटणा विधानसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त दास के बेटे सागर दास को मैदान में उतारा है।
  • कांग्रेस पूर्व वरिष्ठ नेता तथा जटनी विधायक सुरेश राउतरात के बेटे मन्मथ राउतराय को बीजद ने भुवनेश्वर संसदीय सीट से मैदान में उतारा है।

 बेटियां भी आजमा रही हैं भाग्य

  • पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास की बेटी दीपाली दास को बीजद ने झारसुगुड़ा विधानसभा सीट से फिर मैदान में उतारा है।
  • पद्मपुर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके स्व. विजय रंजन सिंह बरिहा की मृत्यु के बाद उनकी बेटी वर्षा सिंह बरिहा को बीजद ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।
  • सानखेमुंडी विस सीट से सुलक्षणा गीतांजलि देवी पहली बार के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं।
  • आस्का लोकसभा उम्मीदवार रंजिता साहू के पिता हर प्रसाद साहू गंजाम जिले का एक वरिष्ठ बीजद नेता हैं।
  • पूर्व वित्त मंत्री तथा बीजद के संस्थापक सदस्य रामकृष्ण पटनायक की बेटी अनीता शुभदर्शिनी आस्का विस सीट से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार हैं।
  • पूर्व आस्का सांसद नित्यानंद प्रधान की बेटी लतिका प्रधान को कविसूर्यनगर विधानसभा सीट से बीजद ने टिकट दिया है।
  • ब्रह्मगिरी विस सीट से इस बार स्व.ललाटेंदु विद्याधर महापात्र की बेटी उपासना महापात्र को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
  • कांग्रेस ने डाबूगांव विस सीट से डा लिपिका माझी को उम्मीदवार बनाया है।
  • आली विस सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक देवेन्द्र शर्मा की जगह उनकी बेटी डा देवस्मिता शर्मा चुनाव लड़ रही हैं।
  • पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल की बेटी अमीता बिस्वाल को कांग्रेस ने झारसुगुड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
  • कटक-बारबाटी विधायक मोहम्मद मुकिम की बेटी सोफिया फिरदौस को टिकट मिला है।

कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

इस बार के ओडिशा में चुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय भाजपा प्रवक्ता तथा भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षाड़ंगी, केंद्रीय प्रवक्ता तथा पुरी संसदीय सीट से भाग्य अजमा रहे संबित पात्र, केंद्रीय प्रवक्ता तथा उपाध्यक्ष तथा केंद्रापड़ा से सांसद उम्मीदवार बैजयंत पंडा, बालेश्वर से सांसद प्रताप चंद्र षाड़ंगी, सुंदरगढ़ से सांसद व पूर्व केंद्रीय जुएल ओराम, बीजद से भाजपा में आए तथा कटक के उम्मीदवार भर्तृहरि महताब भी शामिल हैं। ये सभी नेता लोकसभा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

अगर इस मामले में बीजद की बात करें, तो लोकसभा चुनाव में बीजद के सांगठनिक सचिव प्रणव प्रकाश दाश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वह केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। कहा जाता है कि प्रणव प्रकाश दाश पार्टी में नवीन पटनायक और वीके पांडियन के बाद अपना स्थान रखते हैं। इसलिए पार्टी ने धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ इनको चुनाव मैदान में उतारा है।

इसी तरह से कांग्रेस में दिग्गज नेता श्रीकांत जेना बालेश्वर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में प्रताप षाड़ंगी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। मयूरभंज से जेएमएम और कांग्रेस के साझा उम्मीद्वार तथा शिबू सोरेन के बेटे अंजनी सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर। नवरंगपुर से भुजबल माझी की भी प्रतिष्ठा दांव पर है।

ओडिशा में चुनाव के आंकड़े बोलते हैं…

लोकसभा चुनाव 2019

कुल सीट – 21

बीजद – 12                   वोट प्रतिशत – 42.8% (-1.3%)

भाजपा – 08                   वोट प्रतिशत – 38.4% (+16.9%)

कांग्रेस – 01                         वोट प्रतिशत – 13.4% (-12.2%)

लोकसभा चुनाव 2014

कुल सीट – 21

बीजद – 20           वोट प्रतिशत – 44.10%

भाजपा – 01           वोट प्रतिशत – 21.50%

लोकसभा चुनाव 2009

बीजद – 14           वोट प्रतिशत – 37.23%

कांग्रेस – 06          वोट प्रतिशत – 32.75%

बीजद + सीपीआई – 01   वोट प्रतिशत – 2.57%

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