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कहा- जितनी ज्यादा एकता होगी, भारत का सामूहिक सामर्थ्य उतना ही पहुंचेगा ज्यादा शिखर पर
पुरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरुवार को ओडिशा को पहली ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ की सौगात देते हुए देश में एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये समय आजादी के अमृतकाल का समय है, भारत की एकता को और मजबूत करने का समय है। जितनी ज्यादा एकता होगी, भारत का सामूहिक सामर्थ्य उतना ही ज्यादा शिखर पर पहुंचेगा। ये वंदे भारत ट्रेनें इस भावना का भी प्रतिबिंब हैं। इस अमृतकाल में वंदे भारत ट्रेनें, विकास का इंजन भी बन रही हैं, और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भारत ने कठिन से कठिन वैश्विक हालातों में भी अपने विकास की गति को बनाए रखा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि इस विकास में हर राज्य की भागीदारी है, देश हर राज्य को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। एक समय था, जब कोई नई टेक्नोलॉजी आती थी या नई सुविधा बनती थी, तो वो दिल्ली या कुछ बड़े शहरों तक ही सीमित रह जाती थी। लेकिन आज का भारत इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है।आज का नया भारत, टेक्नोलॉजी भी खुद बना रहा है और नई सुविधाओं को तेजी से देश के कोने-कोने में पहुंचा रहा है।
2014 के बाद रेलवे विकास ने पकड़ी गति
उन्होंने कहा कि साल 2014 के पहले 10 वर्षों में यहां ओडिशा में 20 किलोमीटर से भी कम लाइनों का दोहरीकरण होता था। पिछले साल ये आंकड़ा भी बढ़कर 300 किलोमीटर के आसपास पहुंच गया है। ओडिशा के लोग जानते हैं कि करीब 300 किलोमीटर लंबी खुर्दा-बलांगीर परियोजना कितने वर्षों से लटकी हुई थी। आज इस परियोजना पर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है। हरिदासपुर-पारादीप नई रेलवे लाइन हो, टिटिलागढ़-रायपुर लाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण हो, जिन कामों का इंतज़ार ओडिशा के लोगों को वर्षों से था, वो अब पूरे हो रहे हैं। आज ओडिशा देश के उन राज्यों में है, जहां शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हो चुका है।
भारत के तेज विकास के लिए राज्यों का विकास जरूरी
उन्होंने कहा कि भारत के तेज विकास के लिए, भारत के राज्यों का संतुलित विकास भी उतना ही आवश्यक है। आज देश का प्रयास है कि कोई भी राज्य संसाधनों के अभाव के कारण विकास की दौड़ में पिछड़ना नहीं चाहिए। इसीलिए 15वें वित्त आयोग में ओडिशा और बंगाल जैसे राज्यों के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा बजट की सिफ़ारिश की गई। ओडिशा जैसे राज्य को तो इतनी विशाल प्राकृतिक सम्पदा का भी आशीर्वाद मिला हुआ है, लेकिन पहले गलत नीतियों के कारण राज्यों को अपने ही संसाधनों से वंचित रहना पड़ता था।
हमने खनिज सम्पदा को ध्यान में रखते हुए खनन नीति में सुधार किया। इससे आज खनिज संपदा वाले सभी राज्यों के राजस्व में काफी वृद्धि हुई है। जीएसटी आने के बाद टैक्स से होने वाली आमदनी भी काफी बढ़ गई है। ये संसाधन आज राज्य के विकास के लिए काम आ रहे हैं, गांव गरीब की सेवा में काम आ रहे हैं। ओडिशा, प्राकृतिक आपदाओं का सफलता से मुकाबला कर सके, इस पर भी केंद्र सरकार का पूरा ध्यान है।