Home / Odisha / डीएमडी पीड़ित रोगियों के लिए वित्तीय मदद की घोषणा
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

डीएमडी पीड़ित रोगियों के लिए वित्तीय मदद की घोषणा

  •  रोगी को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर, उपयुक्त फिजियोथेरेपी और उपचार के लिए मिलेंगे 10 लाख रुपये

  • एकमुश्त प्रदान की जाएगी वित्तीय सहायता

  •  संबंधित जिलाधिकारी के समक्ष आर्थिक सहायता के लिए करना होगा आवेदन

भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से पीड़ित रोगियों के लिए वित्तीय तौर पर मदद करने की घोषणा की है। इसके तहत प्रत्येक रोगी को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर, उपयुक्त फिजियोथेरेपी, आनुवंशिक परीक्षण और उच्च सुपर स्पेशियलिटी संस्थानों में उपचार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

यह जानकारी राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचना में दी गई है। अधिसूचना में वित्तीय सहायता के संवितरण के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को भी रेखांकित किया गया है। इसमें कहा गया है कि मरीजों के परिजन संबंधित जिलाधिकारी के समक्ष आर्थिक सहायता के लिए अभ्यावेदन करेंगे। अभ्यावेदन का सत्यापन संबंधित मुख्य जिला चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जायेगा। तय प्रक्रिया के बाद संबंधित जिले के कलेक्टर सीएमआरएफ से 10 लाख रुपये की सहायता स्वीकृत करेंगे, जो जीवित मरीजों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। डीएमडी रोगियों और उनके परिवारों ने इस तरह के समर्थन के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है।

डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण

समय के साथ बढ़ने वाला मांसपेशियों की कमजोरी का यह एक रोग है, जो आमतौर पर लड़कों में पाया जाता है और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाता है।

मांसपेशियों के ठीक से विकसित न होने को रोग से पीड़ित कई लोगों में ड्यूशेन सिंड्रोम होता है। लड़कियों के जरिए यह सिंड्रोम फैल सकता है और हल्की मात्रा में प्रभावित होती हैं, लेकिन आमतौर पर रोग लड़कों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों असामान्य रूप से चलना, खड़े रहने में परेशानी, मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशी का नुकसान या मांसपेशी का स्थायी रूप से छोटा होना शामिल हैं। इसके साथ ही धीमी वृद्धि या सीखने की कम क्षमता के साथ-साथ थकान, निगलने में परेशानी, बार-बार गिरना, बढ़ी हुई पिंडलियां, मेरुवक्रता, या लगातार पंजे के आगे के भाग पर चलना लक्षण में शामिल हैं।

Share this news

About desk

Check Also

बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना

भुवनेश्वर में सीजन में पहली बार पारा 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरा 27 से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *