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भारतीय मौसम विभाग ने भी माना 9 मई के आसपास बनेगा चक्रवात
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निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के बाद लैंडफॉल और इसकी तीव्रता की मिलेगी जानकारी
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फिलहाल भारत में लैंडफॉल की संभावना नहीं -आईएमडी
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र के एक भीषण चक्रवात के रूप में तब्दील होने की संभावना है। इस चक्रवात का नाम मोचा होगा। अंतर्राष्ट्रीय मौसम एजेंसी के साथ-साथ आज भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दबाव के क्षेत्र के चक्रवात में तब्दील होने की संभावना जाहिर कर दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर इस चक्रवात के बनने की संभावना है।
इस बीच आईएमडी जीएफएस मॉडल ने संभावना जताई है कि 7 मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव क्षेत्र बनेगा तथा 9 मई को एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तेजी से बढ़ेगा और 12 मई तक पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर से लगभग उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ेगा।
जीईएफएस मॉडल ने भी 9 मई को चक्रवाती तूफान और 10 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना जताई है।
एनसीयूएम मॉडल ने निम्न दबाव के 10 मई को डिप्रेशन में तब्दील होने के साथ-साथ 11 मई को चक्रवाती तूफान और 12 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप धारण करने की संभावना जताई है। ईसीएमडब्ल्यूएफ मॉडल ने 10 मई के आसपास चक्रवाती तूफान की तीव्रता का संकेत दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय मौसम एजेंसियों की संभावनाओं के बाद आईएमडी के महानिदेशक (डीजी) मृत्युंजय महापात्र ने आज बताया कि कम दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन में तब्दील होने के बाद 9 मई तक एक चक्रवात का रूप धारण करेगा।
महापात्र के अनुसार, ग्रीष्म ऋतु में चक्रवातों एवं अवसाद की उत्पत्ति की आवृत्ति सर्वाधिक होती है। उन्होंने बताया कि ताजा अनुमान के अनुसार, 6 मई के आसपास दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है।
इसके प्रभाव में 7 मई के आसपास इसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके 8 मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी पर एक अवसाद में केंद्रित होने की संभावना है।
आईएमडी डीजी ने कहा कि तत्पश्चात, लगभग उत्तर की ओर मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ते हुए इसके तीव्र होने की अच्छी संभावना है तथा 9 मई के आसपास यह एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
महापात्र के अनुसार, यह शुरू में लगभग उत्तर की ओर मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि हमने इसके रास्ते, तीव्रता और लैंडफॉल के क्षेत्र तय नहीं किया है। एक बार निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के बाद हम लैंडफॉल और इसकी तीव्रता के बारे में विस्तृत भविष्यवाणियां प्रदान करेंगे। अभी तक लग रहा है कि इसके भारतीय तट पर लैंडफॉल करने की संभावना नहीं है। महापात्र ने कहा कि प्रारंभ में मौसम तूफानी रहेगा और इसलिए मछुआरों को बंगाल की दक्षिण-पूर्व खाड़ी में नहीं जाना चाहिए। महापात्र ने कहा कि पूर्वी तट के लिए ऐसा कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है और केवल मछुआरा समुदाय के लिए चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि संभावित चक्रवात के मद्देनजर ओडिशा के लिए बारिश या हवा के लिए कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। हम घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही हम तीव्रता और पथ के बारे में व्यापक पूर्वानुमान के साथ सामने आएंगे।