भुवनेश्वर। स्किलिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के संबंध में शिक्षार्थियों की बेहतरी सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के साथ जी-20 इंडिया की तीसरी शिक्षा कार्य समूह की बैठक कल भुवनेश्वर में संपन्न हुई।
26 से 28 अप्रैल 2023 तक आयोजित 3 दिवसीय सेमिनार में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, क्षमता निर्माण, भविष्य के काम के संदर्भ में जीवन भर सीखने को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव के संजय मूर्ति, केंद्रीय सचिव स्कूल शिक्षा और साक्षरता संजय कुमार और केंद्रीय सचिव कौशल, विकास और उद्यमिता अतुल कुमार तिवारी और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सेमिनार की सफलता पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जी-20 सदस्यों, आमंत्रित और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ), संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित 27 देशों के 60 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से काम के भविष्य के विषय पर एक सेमिनार के साथ हुई। इसे पैनल डिस्कशन के तीन सत्रों में बांटा गया था। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधियों ने व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण में अपनी नीतियों और पहलों को साझा किया। उन्होंने विकसित होती दुनिया के साथ तालमेल बिठाने के लिए कौशल को बढ़ाने और फिर से कौशल बनाने के महत्व और निरंतर आवश्यकता को भी स्वीकार किया। उन्होंने उन चुनौतियों पर भी चर्चा की जिनका उनके देश काम के भविष्य के संबंध में सामना कर रहे हैं।
तीसरी एडडब्ल्यूजी बैठक और संगोष्ठी के मौके पर उसी विषय पर एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी शामिल थी। इस प्रदर्शनी में प्रमुख प्रतिभागियों में एनसीआरटी, एमईआईटीवाई, आईकेएस (इंडियन नॉलेज सिस्टम), टीआरआईएफईडी, सिंगापुर, यूनिसेफ, मेटा, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईएम संबलपुर, एनआईटी राउरकेला, सीएसआईआर-आईएमएमटी, ऑरोविले फाउंडेशन और उद्योग, शिक्षा, सरकारी एजेंसियों से कई अन्य शामिल थे। यह प्रदर्शनी 23 से 25 और 27 से 28 अप्रैल, 2023 तक स्थानीय संस्थानों, छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए खुली थी।
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