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सीबीआई कर सकती है फर्जी प्रमाणपत्र रैकेट की जांच

  • पोस्ट मास्टर जनरल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को लिखा पत्र

  • जाली सर्टिफिकेट मामले की सीबीआई जांच हो – मनमोहन सामल

  • कहा-बीजद नेताओं की है इस रैकेट में संलिप्तता

भुवनेश्वर। बहुचर्चित फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट मामले की जांच सीबीआई कर सकती है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है इसे लेकर हो गई है कि पोस्ट मास्टर जनरल (पीएमजी) ने प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखकर फर्जी प्रमाणपत्र रैकेट की जांच करने के लिए आग्रह किया है।

फर्जी प्रमाणपत्र देकर डाक विभाग में नौकरी दिलाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पीएमजी ने सीबीआई जांच की मांग की है। चूंकि फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट की जड़ें कई राज्यों में हैं, इसलिए उन्होंने सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा। पीएमजी के निदेशक ने सोमवार को सीबीआई को भेजे गए पत्र की पुष्टि की। इस बीच, संबलपुर जिले में ग्रामीण डाक सेवक के पदों के लिए छह आवेदकों ने फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि संबलपुर फर्जी प्रमाण पत्र कांड का संबंध बलांगीर से है।

इधर, ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने भी बहुचर्चित जाली सर्टिफिकेट रैकेट मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि इस मामले में बीजद के नेताओं की संलिप्तता है। इस कारण मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई द्वारा ही संभव है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने आज कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। राज्य पुलिस द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। भाजपा मामले की सीबीआई जांच की मांग करती है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के युवाओं के भविष्य व जीवन के साथ खिलवाड़ के इस गंभीर मामले में राज्य सरकार आंख मूंदकर बैठी है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में बीजू जनता दल के नेताओं की संलिप्तता है। यदि उनकी संलिप्तता नहीं होती तो इतने सालों तक यह फेक सर्टिफिकेट रैकेट चलना संभव नहीं था।

इतने सालों से यह रैकेट काम कर रहा था। राज्य सरकारी कि खुफिया एजेंसियां क्या कर रही थीं।

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