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पूछा- जापान से कोई नया उद्योग आ रहा है या पुरानी किताब में कवर चढ़ा रही है राज्य सरकार
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करोड़ों रुपए खर्च कर छुट्टी मनाने के लिए मना नहीं, पर मुख्यमंत्री राज्य की जनता को युवाओं को झूठ ना बोले
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सरकार व खदान मालिकों के बीच मध्यस्थ का काम करने वाले सांसद को प्रतिनिधि दल में शामिल करने पर उठाया सवाल
भुवनेश्वर। जापान से करोड़ों रुपये के निवेश की खबरों को लेकर भाजपा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। आज एक पत्रकार सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सत्यव्रत पंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री व उनकी टीम को विभिन्न कार्यों का बहाना लेकर छुट्टी मनाने के जापान का दौरा करना एक ड्रामा है। घूमने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है, लेकिन राज्य के राजकोष से लोगों के टैक्स के पैसे से छुट्टी मनाना कितना सही है। मुख्यमंत्री करोडों रुपये खर्च कर छुट्टी मनाने जाने पर कोई मनाही नहीं है, फिर भी उन्हें राज्य के युवाओं को झूठा आश्वासन नहीं देना चाहिए।
पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पंडा ने कहा कि जापान से कोई नया उद्योग आ रहा है या फिर पुरानी किताब पर नया कवर चढ़ाया जा रहा है। यह बात स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले इटली व बाद में यूएई के दौरे के बाद मुख्यमंत्री व उनके कार्यालय के बाबू अब जापान के दौरे पर हैं। जितनी बैठकें निर्धारित हैं, वे केवल पांच घंटे का काम है, लेकिन इसके लिए वे सात दिनों का दौरा कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जापान का दौरा करना व राज्य में व्यापक निवेश आने के संबंध में बीजद द्वारा जो प्रचार किया जा रहा है, उसमें कितनी सच्चाई है, इस बात का स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री अपनी टीम के साथ ओडिशा सरकार व खदान मालिकों का मध्यस्थता करने वाले एक तटीय जिले के सांसद को भी सरकारी खर्चे पर लेकर गए हैं। उस सांसद के यहां एक भी खदान नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले इटली का दौरा किया था। उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके इस दौरे के बाद ओडिशा में कितना निवेश हुआ है। इस बारे में राज्य सरकार को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि 2019 से पूर्व ओडिशा में स्टील क्षेत्र में पूंजी निवेश के लिए तत्कालीन स्टील मंत्री व वर्तमान के शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की भूमिका काफी अहम थी। उन्होंने उनके द्वारा दो बड़े परियोजनाओं को ओडिशा लाने में उनकी भूमिका रही है। अब जिस निपन स्टील के बारे में मुख्यमंत्री वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसर उसकी कहानी कुछ और है। साल 2019 के 25 अक्टूबर को जब प्रधान इस्पात मंत्रालय के जिम्मेदारी संभाल रहे थे। तब अपने प्रतिनिधिदल के साथ वह 5 दिन के दौरे पर जापान गए थे और उन्होंने वहां निपन स्टील समेत जापान के प्रमुख इस्पात कंपनियों उसके साथ ओडिशा में पूंजी निवेश करने के लिए आमंत्रित किया था। 27 फरवरी 2020 को जापानी राजदूत व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ राज्य सरकार की संयुक्त बैठक हुई थी और इसमें ओडिशा में पूंजी निवेश के बारे में घोषणा की गई थी। अब उन्हीं परियोजनाओं को ओडिशा लाने की बात कर मुख्यमंत्री वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं।