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मधुसूदन दास के जन्म जन्म भूमि व कर्म भूमि को संग्रहालय कंपलेक्स के रूप में किया जाएगा विकसित
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15 फीट की ऊंचाई वाले ब्रोंज की प्रतिमूर्ति स्थापित होगी
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश के अनुसार राज्य के फाइव-टी सचिव वीके पाण्डियन ने आज सुबह कटक जाकर उत्कल गौरव मधुसूदन दास के जन्म स्थान का दौरा किया। उन्होंने यहां पहुंचकर मधुबाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा इस स्थान का कैसे विकास होगा, इसे लेकर स्थानीय लोग व प्रशासन से चर्चा की। उनके जन्म स्थान व इसके पास स्थित वह घर जहां वह रहते थे, उसका विकास कैसे होगा, इस संबंधी योजना तैयार कर 15 अप्रैल तक मुख्यमंत्री के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। मधुबाबू के जन्म स्थान व कर्मस्थली पर एक संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। मधुबाबू के 100 वर्ष पुराना जन्म स्थान व कर्म भूमि को एक सिंगल म्यूजियम कंपलेक्स के रूप में विकसित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कोलकाता से लौटने के बाद मधुबाबू ने अपने जन्म स्थान से कुछ ही दूर पर एक घर में रहकर अपना कार्य किया था। यह उनका कर्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। उनका जन्म स्थान और कर्मभूमि को जोड़ने वाली गली रास्ता का उन्नति करण किया जाएगा। यहां पर लाइट एवं साउंड शो की व्यवस्था भी की जाएगी। इसमें मधुबाबू की जीवनी उनके कीर्ति का व्याख्यान होगा। राज्य तथा राज्य के बाहर से आने वाले दर्शकों के लिए यहां बहुभाषी व्याख्यान की व्यवस्था रहेगी।