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ओडिशा के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों से की अपील
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लक्षण दिखने पर खुदको करें संगरोध
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सभी प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन बेड उपलब्ध
भुवनेश्वर. देश में मंकीपॉक्स के दस्तक और कुछ मामलों को बढ़ता देख ओडिशा सरकार ने लोगों से अपील की है कि इस बीमारी को लेकर सचेत रहें. राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ विजय महापात्र ने कहा कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स के केवल 3-4 मामले सामने आये हैं. ओडिशा में कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन इसके लिए जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार हमें सतर्क रहने की जरूरत है. पत्रकारों से बात करते हुए डॉ महापात्र ने कहा कि किसी को भी मंकीपॉक्स के लक्षण विकसित होने पर खुद को संगरोध करना चाहिए और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक वायरल बुखार है. यदि किसी को गले में सूजन के साथ बुखार, त्वचा पर दाने, चेहरे और हाथ-पांव पर घाव हो रहे हैं, जो आगे चल कर फुंसी में विकसित हो जाते हैं, तो उन्हें खुद को संगरोध करना चाहिए. इसके साथ-साथ हमें अपने निकटतम अस्पताल या आशा कार्यकर्ता को सूचित करना चाहिए.
इस बीमारी की तैयारियों को लेकर उन्होंने बताया कि राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं, जहां मरीज भर्ती हो सकते हैं, वहां रह सकते हैं और इलाज का लाभ उठा सकते हैं.
21 दिनों का संगरोध
उन्होंने बताया कि देश में मंकीपॉक्स के रोगियों के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत 21 दिनों तक संगरोध रहना होगा. इसके साथ-साथ घावों को पूरी तरह से ठीक होने तक लोगों को दूसरों के संपर्क में आने से बचना होगा.
एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल नोडल केंद्र
कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को ओडिशा में मंकीपॉक्स के मामलों के प्रबंधन के लिए नोडल केंद्र बनाया गया है. अस्पताल प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों जैसे मेडिसिन, स्किन एंड वीडी, माइक्रोबायोलॉजी, एसपीएम और पीडियाट्रिक के डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है. चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जयंत पंडा ने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए संस्थान तैयार है. आइसोलेशन वार्ड में दो बेड और आईसीयू में चार बेड की व्यवस्था की गई है. इस बीमारी के प्रबंधन को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.