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प्रोफेसर अच्युत सामंत ने किया छेरापंहरा
प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी भुवनेश्वर वाणीक्षेत्र स्थित कीस जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में देवस्नान पूर्णिमा 14 जून को अनुष्ठित हुई. मंदिर के विधि-विधानों के तहत सुबह में चतुर्धा देवविग्रहों को पहण्डी विजय कराकर स्नानमण्डप लाया गया. देवविग्रहों को मलमलकर नहलाया गया. जगन्नाथ जी को 35 कलश जल से, बलभद्र जी को 33 कलश जल से, सुभद्रा जी को 22 कलश जल से तथा सुदर्शन जी को 18 कलश जल से महास्नान कराया गया. इस अवसर पर छेरापंहरा किया मंदिर के प्राणप्रतिष्ठाता प्रोफेसर अच्युत सामंत ने. कीट-कीस-कीम्स के स्टाफ तथा अनेक स्थानीय जगन्नाथ भक्तों ने भगवान जगन्नाथ को उनके जन्मोत्सव पर उनके हाथी वेश में दर्शन किये.