Home / Odisha / काशी विश्वनाथ को हां, पुरी एवं लिंगराज को ना: आमसर कानून के आड़ में विकास रोकने का प्रयास कर रही केन्द्र सरकार: केन्द्र सरकार को स्पष्टीकरण चाहिए था तो ओड़िशा

काशी विश्वनाथ को हां, पुरी एवं लिंगराज को ना: आमसर कानून के आड़ में विकास रोकने का प्रयास कर रही केन्द्र सरकार: केन्द्र सरकार को स्पष्टीकरण चाहिए था तो ओड़िशा

  •  सरकार से मांगते राज्यपाल से क्यों: संस्कृति मंत्री अशोक पंडा

  • केन्द्र सरकार चाहे जो कर ले, लिंगराज मंदिर के विकास को नहीं रोक पाएगी: कांग्रेस विधायक सुरेश राउतराय

पुरी जगन्नाथ मंदिर के बाद लिंगराज मंदिर अध्यादेश को लेकर केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच विवाद

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर
केन्द्र सरकार की डबल स्टैंडर्ड पालिसी। काशी विश्वनाथ, सोमनाथ मंदिर के लिए नरम वर्ताव पर ओड़िशा के लिए सख्त बर्ताव। जगन्नाध धाम पुरी के बाद अब लिंगराज मंदिर अध्यादेश को लेकर केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया है। जानबूझकर केन्द्र सरकार विकास कार्य में बाधा डालने का आरोप राज्य सरकार की तरफ से लगाया गया है। काशी विश्वनाथ, सोमनाथ एवं केदारनाथ क्षेत्र में एक नियम लागू किया गया है जबकि लिंगराज एवं पुरी के लिए आखिर क्यों अन्य एक नियम लागू किया जा रहा है शासक दल की तरफ से सवाल किया गया है। केन्द्र सरकार की भूमिका को लेकर कांग्रेस ने भी हमला बोला है। अध्यादेश को लेकर दो-दो बार राज्य सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। इसके बाद भी राज्य सरकार से बिना पूछे क्यों राज्यपाल के जरिए केन्द्र सरकार ने स्पष्टीकरण मांगा है, उसे लेकर राजनीतिक षडयंत्र होने की बात कांग्रेस एवं बीजद की तरफ से कही गई है।
केन्द्र सरकार द्वारा राज्यपाल के जरिए लिंगराज मंदिर अध्यादेश को लेकर मांगे गए स्पष्टीकरण पर बीजद एवं कांग्रेस के नेताओं ने सवाल खड़ा किया है। नेताओं ने कहा है कि पहले पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रोजेक्ट परिक्रमा निर्माण और अब लिंगराज क्षेत्र के विकास को लेकर केन्द्र सरकार ने अड़ंगा डाला है। बीजद का कहना है कि विकास कार्य में केन्द्र सरकार बाधा डालना चाहती है। काशी विश्वनाथ एवं केदारनाथ के क्षेत्र में केन्द्र सरकार का अलग मापदंड और पुरी जगन्नाथ मंदिर तथा लिंगराज मंदिर के लिए अलग मापदंड क्यों है। केन्द्र सरकार के दोहरे मापदंड को लेकर अब प्रतिवाद के स्वर उठने लगे है।
राज्य के संस्कृति मंत्री मंत्री अशोक पंडा ने कहा है कि श्रीलिंगराज मंदिर के लिए विशेष कानून संबंधित अध्यादेश के ऊपर केन्द्र सरकार द्वार कुछ आपत्ति जताने के बाद यह विवाद शुरू हुआ है। मंत्री ने कहा है कि आमसर कानून अन्य क्षेत्र में पालन किया जा रहा है या नहीं या फिर केवल पुरी एवं लिंगराज प्रोजेक्ट के लिए यह कानून है, अब यह सवाल उठ रहे हैं। केन्द्र सरकार के पास एकाम्र क्षेत्र के विकास के लिए कौन और क्यों बाधा डाल रहा है, वह समझ से परे है। मंत्री ने कहा है कि जो लोग भी एकाम्र प्रोजेक्ट को बंद करवाना चाहते हैं, उन्हें महाप्रभु लिंगराज माफ नहीं करेंगे। एकाम्र प्रोजेक्ट को लेकर केन्द्र एवं राज्य के बीच बार बार चर्चा हो रही है। प्रोजेक्ट को लेकर दो दो बार केन्द्र सरकार के साथ चर्चा कर विभिन्न प्रसंग पर स्पष्टीकरण राज्य सरकार की तरफ से दिया गया है। इसके बाद भी यदि केन्द्र सरकार को प्रोजेक्ट को लेकर कुछ स्पष्टीकरण चाहिए था तो फिर वह राज्य सरकार से मांगे होते और हम दिए होते। मंत्री ने कहा कि आखिर क्यों और किस उद्देश्य से इस मामले को लेकर राज्यपाल के जरिए केन्द्र सरकार ने मुख्य सचिव से प्रोजेक्ट को लेकर स्पष्टीकरण मांगा उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कांग्रेस ने भी इस प्रसंग पर केन्द्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस विधायक सुरेश राउतराय ने कहा है कि केन्द्र सरकार चाहे जो कर ले, मगर लिंगराज मंदिर के विकास को नहीं रोक पाएगी। वहीं इस प्रसंग पर राज्य सरकार द्वारा तमाम स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद राज्य भाजपा बैकफुट पर आ गई है और कानून का हवाला दे रही है। केन्द्र सरकार के इस बर्ताव से लिंगराज मंदिर के सेवकों में भी नाराजगी है।

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