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राजधानी में भुवनेश्वर नगर निगम के मेयर पद की प्रत्याशी सुनीति मुंड के लिए प्रचार करतीं भाजपा सांंसद अपराजिता षाड़ंगी और भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान.

भाजपा ने पुलिस पर लगाया कठपुतली होने का आरोप

  • नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मीसागर थाने के सामने दिया धरना

  • पार्टी की महिला पार्षद उम्मीदवार के भाई राकेश जेना को रिहा करने की मांग

  • जगन्नाथ प्रधान ने कहा – सरकार का पक्ष ले रही है पुलिस

  • हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग

राजधानी में भुवनेश्वर नगर निगम के मेयर पद की प्रत्याशी सुनीति मुंड के लिए प्रचार करतीं भाजपा सांंसद अपराजिता षाड़ंगी और भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान.

भुवनेश्वर. बीते शुक्रवार को लक्ष्मीसागर थाने के सामने हुई हमले के मामले को लेकर भाजपा ने पुलिस प्रशासन पर जमकर निशाना साधा है. भाजपा ने पुलिस को सरकार के हाथों की कठपुतली करार दिया है. इसके साथ ही भुवनेश्वर जिला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मीसागर थाने के सामने धरना दिया. पार्टी के नेताओं ने अपनी पार्टी की महिला पार्षद उम्मीदवार के भाई राकेश जेना को रिहा करने की मांग की. उल्लेखनीय है कि राकेश जेना को शुक्रवार को लक्ष्मीसागर इलाके में हुई सामूहिक झड़प के सिलसिले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान ने कहा कि पुलिस सरकार का पक्ष ले रही है. सीपी और डीसीपी से मेरा अनुरोध है कि हमें न्याय दिलाएं और राकेश जेना को रिहा करें. उन्होंने कहा कि हम उनकी रिहाई तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

प्रधान ने कहा कि शिखर जेना, श्रीधर जेना और दिलीप जेना ने पार्षद उम्मीदवार के भाई राकेश जेना, उनके पति और देवर पर हमला किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. उन्होंने इसके बजाय राकेश जेना को हिरासत में लिया है. प्रधान ने कहा कि पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस सरकार के इसारे पर काम कर रही है. प्रधान ने हमलावरों को गिरफ्तार करने और राकेश जेना को रिहा करने की मांग की.

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार रात को वार्ड संख्या 33 से भाजपा पार्षद उम्मीदवार धारित्री जेना के पति, देवर और परिवार के तीन अन्य सदस्यों पर उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार और उनके समर्थकों ने हमला किया था. इन पांचों लोगों पर हमला लक्ष्मीसागर पुलिस स्टेशन के पास किया गया था. उस समय वे कुछ पोस्टर फाड़ने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने गए थे. इसके बाद मामले में कार्रवाई करते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने रविवार को भुवनेश्वर में चुनाव पूर्व हिंसा के सिलसिले में 10 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था. भुवनेश्वर डीसीपी उमाशंकर दास ने कहा कि उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज, मौके पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किए गए वीडियो, पुलिस कर्मियों और अन्य गवाहों के बयान का विश्लेषण करने के बाद हमने 10 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.

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