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चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आरोप को किया खारिज
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जिला आपूर्ति अधिकारी ने जांच का दिया आश्वासन
कोरापुट. कोरापुट जिले के मालीगुड़ा गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय बाजार में प्लास्टिक के चावल बेचे जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार, कुछ ग्रामीणों ने दावा किया कि उन्होंने बाजार से जो चावल खरीदा वह सामान्य अनाज से अलग था. कुछ दाने पकाते समय गर्म पानी में तैर रहे थे, जिन्हें उबालने में काफी समय लग रहा था. उन्होंने दावा किया कि यह प्लास्टिक का चावल हो सकता है. एक ग्रामीण युधिष्ठिर पुजारी ने मीडिया से कहा कि मेरे बच्चों ने गांव के बाजार से चावल का एक पैकेट खरीदा, लेकिन हमें आश्चर्य हुआ कि कुछ अनाज सामान्य अनाज से अलग थे. वे बहुत चिपचिपे थे और सामान्य अनाज से अलग थे. हालांकि, कोरापुट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एस रमेश ने ग्रामीणों के संदेह को खारिज कर दिया. रमेश ने दावा किया कि हमें रायपुर, आंध्र प्रदेश, नागपुर और गुजरात से आपूर्ति मिल रही है. स्थानीय मिलर भी बाजार में चावल की आपूर्ति कर रहे हैं, लेकिन हमारे स्टॉक में प्लास्टिक चावल जैसा कोई उत्पाद नहीं है.
उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने के बाद हमने पाया कि यह प्लास्टिक चावल नहीं बल्कि ‘फोर्टिफाइड चावल’ था जो प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. भारत सरकार की ओर से फोर्टिफाइड चावल को सामान्य चावल के साथ मिलाने और उत्पाद को बाजार में बेचने के निर्देश हैं. उधर, जिला आपूर्ति अधिकारी पी पंडा ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है. पंडा ने कहा कि घटना की जांच शुरू की जाएगी और चावल के नमूने सत्यापन के लिए प्रयोगशाला भेजे जाएंगे.