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ओडिशा में भीषण शीतलहर की संभावना, चेतावनी जारी

  •  मौसम विभाग ने दी घरों में रहने की सलाह

  •  तेज ठंड के कारण बढ़ सकती हैं बीमारियां

भुवनेश्वर. अगले दो से तीन दिनों में ओडिशा में ठंड का प्रकोप और बढ़ने वाला है. राज्य के कई हिस्सों में गंभीर शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है. यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को दी है. आईएमडी ने मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए पीली और नारंगी चेतावनी भी जारी की है. मौसम विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, निचले स्तरों पर उत्तर-पश्चिमी या उत्तरी शुष्क और ठंडी हवाएं ओडिशा में प्रवेश कर रही हैं. इसके प्रभाव से अगले दो से तीन दिनों के दौरान राज्य के आंतरिक और आसपास के जिलों के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है. हालांकि राज्य के कई हिस्से पहले से ही भीषण शीतलहर की चपेट में हैं. रविवार की रात राज्य के 13 स्थानों पर रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया. कंधमाल जिले के दरिंगबाड़ी में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
अगले 24 घंटे के लिए पीली चेतावनी जारी की गयी है, जिसमें सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, बरगड़, केंदुझर, मयूरभंज, बालेश्वर, सोनपुर, बौध, कंधमाल, भद्रक, अनुगूल, ढेंकानाल, देवगढ़ और संबलपुर जिलों में शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है.
इसके अलगे अगले 24 घंटे अथार्त 21 दिसंबर की 08.30 बजे से 22 दिसंबर की सुबह 08.30 बजे तक तक के लिए नारंगी चेतावनी जारी की गयी है. इस चेतावनी वाले क्षेत्र में सुंदरगढ़, झारसुगुडा, बरगड़ और कंधमाल जिले शामिल हैं, जहां गंभीर शीतलहर की स्थिति की संभावना है.
इसके साथ ही मयूरभंज, केंदुझर, बालेश्वर, भद्रक, देवगढ़, संबलपुर, अनुगूल, ढेंकानाल, जाजपुर, कटक, खुर्दा, नयागढ़, सोनपुर, बौध, बलांगीर, नुआपड़ा और कलाहांडी जिलों में शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है और इन जिलों के लिए पीली चेतावनी जारी की गयी है.
22 दिसंबर की सुबह 08.30 बजे से 23 दिसंबर की सुबह 08.30 बजे तक मयूरभंज, बालेश्वर, भद्रक, केंदुझर, जाजपुर, कटक, अनुगूल, ढेंकानाल, बौध और कंधमाल जिलों में शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है. इसे देखते हुए इन जिलों के लिए पीली चेतावनी जारी की गयी है.
शीतलहर का प्रभाव :
शीतलहर के प्रभाव के कारण विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. इस दौरान नाक बहना या नाक से खून बहना बढ़ जाता है. आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण यह होता है. लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से पशुधन प्रभावित हो सकते हैं.
शीतलहर से बचने के सुझाव :
रात और अहले सुबह घर के अंदर रहें और ठंड के संपर्क में आने से बचने के लिए कई कपड़ों का इस्तेमाल करें. पशुओं को छायादार या घरों-छप्परों के अंदर रखने की व्यवस्था करें. विशेष रूप से दोपहिया या खुली कारों से रात के दौरान आवाजाही से बचें. विद्युत और गैस हीटिंग उपकरणों का उपयोग करते समय सुरक्षात्मक उपाय करें.

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