-
आधी रात को समुद्र से निकालकर पुलिस बैरक में गाड़ी को रखा गया
-
वाहन पर नंबर प्लेट नहीं होने से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठे सवाल
-
अभी हाल में ही पकड़े गये थे पांच जासूस
गोविंद राठी, बालेश्वर
अभी हाल ही में पांच जासूसों की गिरफ्तारी के बाद डीआरडीओ के प्रतिबंधित क्षेत्र में एक लावारिश पिकअप मिलने से सनसनी फैल गयी है. प्रतिबंधित समुद्री तट क्षेत्र में फंसी इस पिकअप को निकालने के लिए 55 घंटे का आपरेशन चलाया गया, तब जाकर इसे बालू से निकाला गया. यहां प्रतिबंधित समुद्र के बीच में फंसी गाड़ी जिला पुलिस की बतायी जा रही है. हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया गया है कि शुक्रवार की देर रात को ओड्राफ ने उक्त गाड़ी को खीचंने वाली वाली मशीन की सहायता से ऊपर उठाकर पुलिस बैरक में लाया है.
इस प्रतिबंधित क्षेत्र में गाड़ी कैसे पहुंची और कौन लेकर गया, इसको लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है. गाड़ी पर नंबर प्लेट नहीं होने के कारण डीआरडीओ की सुरक्षा व्यवस्था में एक बार फिर सेंघ लगने की आशंका को लेकर चर्चाएं हैं. डीआरडीओ के अधिकारी भी इसे लेकर कुछ साफ तौर नहीं कह रहे हैं. पुलिस ने भी चुप्पी साधी हुई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत बुधवार की शाम को चांदीपुर स्थित डीआरडीओ के प्रतिबंधित अंचल में समुद्र के अंदर ड्राइविंग के वक्त जिला पुलिस की यह नई बोलेरो गाड़ी दलदल में फंस गई थी. हालांकि सरकार की तरफ से डीआरडीओ के आसपास के अंचल को आम लोगों के लिए प्रतिबंधित घोषित किया गया है. इसके अलावा पर्यावरण की सुरक्षा एवं समुद्र में रहने वाले जीव की सुरक्षा के लिए समुद्र के बीच में किसी भी गाड़ी की आवाजाही पर जिला अधिकारी एवं पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है.
उस दिन से शुक्रवार रात तक यह गाड़ी वहां ऐसे ही फंसी थी एवं समुद्र के पानी में डूबी रही. जिला पुलिस द्वारा एक ओड्राफ टीम को वहां तैनात कर सभी प्रकार के यंत्र एवं साधन मुहय्या करवाने के बाद भी गाड़ी को वहां से बाहर नहीं निकाला जा सका था.
इधर, चर्चा है कि बालेश्वर पुलिस अधीक्षक ड्राइविंग का अभ्यास करते वक्त गाड़ी को लेकर उधर गये थे, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. स्थानीय मीडिया में गाड़ी फंसने की खबर पर पूर्वांचल आईजी हिमांशु लाल खुद पुलिस अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्र के साथ जाकर घटनास्थल पहुंचे और गाड़ी को तुरंत बाहर निकालने का आदेश दिया था.
इसके बाद कल दोपहर को पुलिस बैरक परिसर में इस गाड़ी को धोकर रखा गया है. इस गाड़ी का नंबर प्लेट भी गायब है. इसके पीछे मौजूद एक और बोलेरो पिकअप (ओडी-05बीए-4565) गाड़ी वहां खडी थी. कुछ सूत्रों ने बताया कि सामने वाली गाड़ी का नंबर प्लेट मिटा कर वहां रखा गया है एवं यह वही गाड़ी है, जो चांदीपुर के बीच समुद्र में फंस गई थी. सूचना मुताबिक बालेश्वर पुलिस विभाग के इस्तेमाल के लिए राज्य पुलिस की तरफ से दो नई बोलेरो पिकप गाड़ी अप्रैल महीने में खरीदी गई थी एवं कटक आरटीओ में इनका पंजीकरण किया गया था. इन दो गाड़ी का मूल्य करीब 20 लाख से ज्यादा है. इस महीने की पहली सप्ताह में इन दोनों गाड़ियों को बालेश्वर जिला भेजा गया था.
प्रतिबंधित क्षेत्र में पिकअप ले जाने पर उठे सवाल
जसूसों कि गिरफ्तार की अभी जांच पूरी भी नहीं हुई है कि डीआरडीओ के प्रतिबंधित क्षेत्र में पिकअप ले जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. डीआरडीओ की सुरक्षा में कई बार सेंध लग चुकी है.