बड़बिल. शुक्रवार को जारी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में केन्दुझर जिला के बड़बिल स्थित पंचवटी रेजीडेंसी निवासी मनोज जालुका के बेटे यश जालुका ने चौथा रैंक हासिल कर पूरे जिला सहित प्रदेश में परचम लहराया है. शुक्रवार शाम से ही जालुका के घर में बधाई देने वालों के लंबी कतार देखी गई. वहीं फोन से भी बधाई का क्रम जारी है. परिणाम घोषित होने के बाद शनिवार सुबह यश जालुका नई दिल्ली से बड़बिल लौटे.
बचपन से ही शांत और तेज मस्तिष्क, अनुशासन प्रिय यश जालुका की प्राथमिक शिक्षा झरिया के दिगवाड़ी विद्यालय में होने के क्रम में वर्ग 6 से 10 तक की शिक्षा बड़बिल संत मेरी विद्यालय, 11वीं और 12वीं डीपीएस बोकारो से, स्नातक करोड़ीमल कॉलेज नई दिल्ली से और मास्टर की डिग्री दिल्ली स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से प्राप्त कर अपनी तैयारी शुरू किया था. यूपीएससी परीक्षा में पहली बार में बिना कोचिंग से ही चौथे रैंक हासिल करने वाले यश ने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि वह मुख्य रूप से इंटरनेट, प्रत्येक विषय के लिए किताबों का सहारा लिया. उक्त परीक्षा के लिए एनसीआरटी की पुस्तकें काफी महत्वपूर्ण हैं और एनसीआरटी से ही बेसिक क्लियर होते हैं, जबकि इकोनॉमिक्स उनका कोर एरिया था. इसलिए कॉलेज की किताबों से ही तैयारी की. इसके अतिरिक्त सबसे अधिक समाचार पत्र से सपोर्ट मिला. प्रत्येक दिन समाचार पत्र पढ़कर नोट्स तैयार करता था.
परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे लोगों के लिए उनका कहना था कि पहले खुद पर विश्वास बनाए. परीक्षा चुनौती से भरा है किन्तु नंबर से ना डरें. स्वयं पर भरोसा रखते हुए रणनीति बना तैयारी करते हैं तो सफलता अवश्य मिलेगी.
मनोज जालुका मूल रूप से झारखंड प्रदेश के झरिया निवासी पिछले 17 वर्षों से बड़बिल में रहकर लौह अयस्क ट्रेडिंग के कारोबार से जुड़े हुए हैं. उनके परिवार में पत्नी शोभा, दो बेटी बड़ी विवाहित ऋतिका, मंझली रिया चार्टर्ड अकाउंटेंट है और सबसे छोटा यश है. बेटे यश की सफलता की सूचना मिलने के बाद मनोज जालुका ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जो खुशी मिली है उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं. वैसे मुझे पुरा विश्वास था कि श्याम बाबा और बेटे यश पर पुरी उम्मीद थी कि शत प्रतिशत परिणाम लाएगा लेकिन इतनी बड़ी सफलता प्रभु की कृपा और बेटे की कड़ी परिश्रम का परिणाम है.