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असरदार रहा खैरा प्रखंड में छह घंटे का बंद
गोविंद राठी, बालेश्वर
मृतक एसीएफ सौम्य रंजन महापात्र के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर बालेश्वर जिले के खैरा प्रखंड में छह घंटे का बंद किया गया. खैरा नगरिका मंच के बैनर तले विभिन्न संगठनों और व्यापारी संघों ने अपना समर्थन देककर बंद को सफल किया. बताया गया है कि दो माह बाद भी अपराधी की शिनाख्त में हो रही देरी पर असंतोष जताते हुए सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक बंद रखा जा रहा है. सोरो-कुपारी स्टेट हाईवे पर सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए थे.
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे, दोषियों को सजा दे और सौम्या रंजन की मौत के रहस्य को उजागर करे. सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी है.
खैरा के मूल निवासी एसीएफ सौम्य रंजन को गंभीर रूप से झुलसने के कारण 12 जुलाई को पारलाखेमुंडी में उनके आधिकारिक क्वार्टर से बचाया गया था. इलाज के दौरान कटक के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 13 जुलाई को उनकी मौत हो गई थी.
फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग (एफएम एंड टी), एससीबी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल द्वारा की गयी सौम्या रंजन के शरीर की ऑटोप्सी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी की मौत 95% जलने के कारण हुई थी.
हालांकि, सौम्या के पिता अभिराम महापात्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बेटे को उनकी बहू विद्या भारती ने डीएफओ बेहरा और कुक मनमथ कम्बा की मिलीभगत से मार डाला है. अब एसीएफ की मौत का रहस्य एक महीने बीत जाने के बाद भी अनसुलझा रहा इसलिए 14 अगस्त को मामला ओडिशा अपराध शाखा को सौंप दिया गया.
डीएसपी मिश्र के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की चार सदस्यीय टीम ने नए सिरे से जांच शुरू की और मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों से पूछताछ कर रही है.
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