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पिपिलि उपचुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू

  • मुख्य चुनाव अधिकारी सुशील कुमार लोहानी ने जारी किया दिशानिर्देश

  • ईवीएम और वीवीपीएटी के उपयोग से होगा मतदान

भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) सुशील कुमार लोहानी ने आज 30 सितंबर को होने वाले पिपिलि उपचुनाव के लिए दिशानिर्देश जारी किया. इस घोषणा के साथ ही पुरी जिले में ‘आदर्श आचार संहिता’ तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है.

आज यहां एक संवाददाता को संबोधित करते हुए लोहानी ने कहा कि चूंकि पिपिलि विधानसभा क्षेत्र में पहले ही 29 अप्रैल से 5 मई तक प्रचार की अवधि मिली थी. इसलिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने केवल 20 सितंबर से प्रचार की अवधि की अनुमति देने का फैसला किया है.

लोहानी ने बताया कि एक जनवरी 2021 को प्रकाशित मतदाता सूची को अद्यतन किया गया और नामांकन की अंतिम तिथि तक इस उद्देश्य के लिए मतदाता सूची के रूप में माना जाएगा. उन्होंने बताया कि मतदान के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी का उपयोग किया जाएगा. सीईओ ने कहा कि हमारे पास पहले से ही पर्याप्त मात्रा में ईवीएम और वीवीपीएटी उपलब्ध है. ईपीआईसी के अलावा मतदाता की पहचान के लिए पूर्व में निर्धारित 11 अन्य दस्तावेजों का उपयोग किया जाएगा.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, प्रचार के लिए इनडोर स्थानों में बैठने की क्षमता से 30% या 200 व्यक्ति जो भी कम हो, वह लागू होगा. इस दौरान एक रजिस्टर मेंटेन करना होता है. स्टार प्रचारकों के मामले में आउटडोर-1000, ग्राउंड की क्षमता का 50% या अन्य मामले में 500 संख्या होगी.

राष्ट्रीय/राज्य मान्यता प्राप्त दलों के लिए स्टार प्रचारक 30 के बजाय 20 और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए 15 के बजाय 10 तक संख्या सीमित की गयी है. इस दौरान किसी रोड शो की अनुमति नहीं होगी. किसी को भी किसी प्रकार की वाइक रैली की अनुमति नहीं होगी. कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 50 व्यक्तियों के साथ स्ट्रीट मीटिंग की जा सकती है. वीडियो वैन के मामले में कोविद प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ एक क्लस्टर बिंदु में 50 से अधिक दर्शक नहीं होंगे. स्टार प्रचारक को छोड़कर किसी उम्मीदवार या राजनीतिक दलों के लिए कुल वाहनों की अनुमति 20 से  50% क्षमता के साथ होगी. मतदान से 72 घंटे पहले प्रचार अभियान थम जायेगा. राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोविद-19 दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सभी संबंधितों द्वारा मतदान संबंधी सभी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. मतदान केंद्र पर कोविद प्रोटोकॉल के अनुसार मास्क, सेनिटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस शील्ड, हैंड ग्लव्स आदि के विशेष डिस्टेंसिंग उपयोग का पालन करना होगा. मुख्य सचिव, महानिदेशक और जिला स्तर के अधिकारी कोविद-19 दिशानिर्देशों की निगरानी, ​​पर्यवेक्षण और अनुपालन के लिए जिम्मेदार होंगे. यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल उपरोक्त किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उम्मीदवार या पार्टी को रैलियों, बैठकों आदि करने के लिए और अनुमति नहीं दी जाएगी. यदि कोई स्टार प्रचारक कोविद प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. चुनाव ड्यूटी में लगे निजी व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और चुनाव अधिकारियों को उनकी सेवा लेने से पहले दोहरा टीकाकरण किया जाएगा. उम्मीदवार, निर्वाचन एजेंट, मतदान एजेंट, मतगणना एजेंट तथा चालक आदि जो भी जनता या चुनाव अधिकारियों के संपर्क में आयेंगे है, उसे दोहरा टीका लगवाना होगा. प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को कोविद नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. चुनाव आयोग द्वारा घोषित उपचुनाव के कार्यक्रम के अनुसार, मतदान 30 सितंबर को होगा और मतगणना 3 अक्टूबर को होगी.

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