भुवनेश्वर. परलाखेमुंडी सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) सौम्य रंजन महापात्र की मौत के मामले की जांच कर रही अपराध शाखा की टीम ने शनिवार को परलाखेमुंडी संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) संग्राम केशरी बेहरा से पूछताछ शुरू की.
सौम्या रंजन की रहस्यमयी मौत के मामले में बेहरा एक आरोपी हैं. पूर्व गजपति पुलिस अधीक्षक तपन कुमार पटनायक ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी.
हालांकि, चूंकि एसीएफ की मौत एक महीने बीत जाने के बाद भी अनसुलझी रही, इसलिए मामला ओडिशा अपराध शाखा को सौंप दिया गया.
डीएसपी ज्ञान रंजन मिश्र के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की चार सदस्यीय टीम ने नए सिरे से जांच शुरू कर दी है और मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों से पूछताछ कर रही है.
मृत एसीएफ सौम्य रंजन को 12 जुलाई को परलाखेमुंडी में उनके आधिकारिक क्वार्टर से गंभीर रूप से जलने के कारण गंभीर हालत में बचाया गया था और इलाज के दौरान कटक के एक निजी अस्पताल में 13 जुलाई को उनकी मौत हो गई थी.
सौम्या रंजन के शरीर की ऑटोप्सी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी की मौत 95% जलने के कारण हुई थी, लेकिन सौम्या के पिता अभिराम महापात्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बेटे को उनकी बहू विद्या भारती ने डीएफओ बेहरा और कुक मनमथ कम्बा की मिलीभगत से मार डाला है.